चेन्नई। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों ने कहा है कि रॉकेट का विफल प्रक्षेपण रॉकेट का पीएसएलवी हीट शील्ड से अलग नहीं होने और इसमें फंसने की वजह से हुआ है। इसका कारण कंपोनेंट की गुणवत्ता में कमी हो सकता है और यह डिजाइन की विफलता की वजह से नहीं हुआ है। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पूर्व निदेशक एम.वाई.एस प्रसाद ने कहा, पीएसएलवी रॉकेट पिछले कई वर्षो से सफल रहा है इसलिए डिजाइन विफलता का प्रश्न नहीं उठना चाहिए। यह कं पोनेंट की विफलता और प्रक्रिया गुणवत्ता में समस्या की वजह से हो सकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सैटेलाइट रॉकेट के ऊपर भाग में स्थित होता है और एक हीट शील्ड से ढका रहता है जो कि रॉके ट को वायुमंडल में उच्च गति पर जलने से बचाता है। गुरुवार को अभियान के दौरान हीट शील्ड को तीन मिनट बाद ही रॉकेट से अलग होना था ताकि ध्रुवीय रॉकेट आईआरएनएसएस-1एच अपने कक्षा में स्थापित हो सके, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। यह पहली बार हुआ है कि इस वजह से भारत का कोई सैटेलाइट लांच मिशन असफल हुआ हो। इसे देखते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के वर्तमान और पूर्व अधिकारी दुविधा की स्थिति में हैं।
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