नई दिल्ली। भारत ने एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) नाग का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। परीक्षण से एक बार फिर उसकी क्षमता साबित हो गई है। इस सफल परीक्षण के साथ ही अब नाग मिसाइल को सेना में शामिल करने का रास्ता भी साफ हो गया है। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एटीजीएम मिसाइल एटीजीएम नाग मिसाइल ने दो अलग-अलग रेंज और विभिन्न परिस्थितयों में अपने टारगेट को भेदने में सफलता हासिल की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
डायरेक्टर जनरल (मिसाइल और स्ट्रेटिजिक सिस्टम) डॉ. जी सतीश रेड्डी ने कहा कि इस परीक्षण के बाद यह साबित हो गया है कि एटीजीएम से संबंधित यह तकनीक अलग-अलग हालात में भी टारगेट को हिट करने में सक्षम है इससे पहले पिछले वर्ष जून में भी इस मिसाइल का राजस्थान में ही सफल परीक्षण किया गया था।
क्या है मिसाइल की खासियत
1. नाग एक तीसरी पीढ़ी का भारत द्वारा स्वदेशीय निर्मित, टैंक भेदी प्रक्षेपास्त्र है।
2. यह उन पांच (प्रक्षेपास्त्र) मिसाइल प्रणालियों में से एक है जो भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत विकसित की गई है।
3. नाग मिसाइल को दागे जाने के बाद रोक पाना असंभव है।
4. नाग मिसाइल का वजन करीब 42 किलोग्राम है।
5. नाग मिसाइल आठ किलोग्राम विस्फोटक के साथ चार से पांच किमी तक के लक्ष्य को आसानी से भेद सकती है।
6. नाग मिसाइल की गति 230 मीटर प्रति सेकेंड है।
7. इस मिसाइल को लॉन्च करने के बाद तुरंत बाद धुआं नहीं निकलता है। इसकी वजह से दुश्मन को इसकी जानकारी नहीं मिल पाती है।
8. इस मिसाइल को 10 साल तक बगैर किसी रखरखाव के प्रयोग किया जा सकता है।
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