नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बुधवार को भारत और पाकिस्तान दोनों से कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय बातचीत के जरिए सुलझाने की अपील की। इस बयान को नरेंद्र मोदी सरकार के लिए एक बड़े प्रोत्साहन के रूप में समझा जा रहा है। गुटेरेस के बयान ने कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीकरण करने के पाकिस्तान के प्रयास को विफल कर दिया है। पाकिस्तान ने पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में और मंगलवार को फिर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में कश्मीर मामले को उठाने की कोशिश की थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने बीते माह फ्रांस के बियारिट्ज में जी7 सम्मेलन से अलग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से भी बातचीत की थी।
गुटेरेस ने 9 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी से भी मुलाकात की थी। लोधी ने गुटेरेस से मुलाकात का आग्रह किया था।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टेफन दुजारिक ने कहा, "उनका संदेश दोनों निजी और सार्वजनिक तौर पर सबके लिए समान है कि वह कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी संभावित तनाव को लेकर बहुत चिंतित हैं। उन्होंने दोनों पक्षों से वार्ता के जरिए मामले को सुलझाने के लिए कहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "आप जानते हैं कि जहां तक सिद्धांत का सवाल है मध्यस्थता पर हमारा पक्ष हमेशा समान रहता है।"
भारत कहता रहा है कि कश्मीर मुद्दा उसका आंतरिक मामला है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई जरूरत नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख का कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों के बीच वार्ता करने की अपील ने भारत के रुख को मजबूत किया है। जबकि पाकिस्तान जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 42वें सत्र में मामले को उठाने की कोशिश कर रहा है।
--आईएएनएस
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