गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के नए मुख्य़मंत्री योगी आदित्यनाथ नाथ संप्रदाय की प्रमुख पीठ के एक महंत हैं, भगवा कपड़े पहनते हैं और उनकी छवि एक कट्टर हिंदूवादी के रूप में मानी जाती है। लेकिन आपकी इस सोच और मिथक को उनके मठ के भीतर का वातावरण बदल देता है। घोर कट्टर हिंदूवादी इस योगी के मठ के अंदर सांप्रदायितकता का कहीं कोई कण भी नहीं नजर आता। बीते 35 वर्षों से गोरखनाथ मंदिर के अंदर होने वाला हर निर्माण कार्य एक मुस्लिम की निगरानी में होता आ रहा है, यासिन अंसारी ही मंदिर के खर्च का हिसाब-किताब रखते हैं यानी खजांची के रूप में काम कर रहे हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अंसारी का कहना है, ‘मेरे छोटे महाराज (मठ में योगी आदित्यनाथ को छोटे महाराज के नाम से पुकारा जाता है) के साथ बेहद दोस्ताना संबंध हैं। जब भी वह यहां होते हैं, मुझे कॉल करते हैं और काम के बारे में पूरी जानकारी लेते हैं। मैं उनके घर में आजादी से घूमता हूं, उनके किचन में जाता हूं, उनके बेडरूम में भी जाता हूं और उनके साथ खाना भी खाता हूं।’ मंदिर के पास कई ऐसी दुकानें हैं, जो मुस्लिम चलाते हैं। अंसारी आगे बताते हैं, ‘मैंने कई बार योगी आदित्यनाथ को गरीबों की मदद करते देखा है, वह यह नहीं देखते कि कौन किस जाति या धर्म का है। छोटे महाराज शादी समारोहों में शरीक होते हैं।’
मंदिर परिसर में एक दुकान चलाने वाली मुस्लिम अजीजुन्निसा ने बताया कि पिछले 35 वर्षों से वह यहां दुकान चला रही हैं, उन्होंने कभी महसूस नहीं किया कि योगी ने किसी को सम्मान न दिया हो या भेदभावपूर्ण व्यवहार किया हो। 20 वर्षों से मंदिर में चूडिय़ों की दुकान लगाने वाले मोहम्मद मुतकिम ने बताया, ‘मंदिर के अंदर दुकानों और अन्य कामों के जरिए कई मुस्लिम परिवार अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं, उनमें किसी बात का भय नहीं।’ यासिन अंसारी ने बताया कि उनके पिता के बड़े भाई महंत दिग्विजयनाथ के पुरोहित बनने की विधान कार्यक्रम में शामिल हुए थे, तब उन्हें मंदिर के किचन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
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