कानपुर।
जनपद के शिवराजपुर में हुए कोल्ड स्टोर हादसे के बाद जागे जिला प्रशासन ने
जीटी रोड के सभी कोल्ड स्टोरेजों में ताबड़तोड़ छापेमारी की। कार्रवाई के
दौरान सभी दस्तावेजों की जांच पड़ताल गहनता से हो रही है। मानकों में छोटी
सी भी कमी पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। समाचार लिखे जाने
तक प्रशासन ने कटियार कोल्ड स्टोरेज के अलावा तीन अन्य कोल्ड स्टोरेज के
मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। ज्ञात हो कि कटियार कोल्ड स्टोरेज में भीषण हादसे में पांच मजदूरों की मौत हो गई थी।
शहर का पश्चिम क्षेत्र यानि
शिवराजपुर से लेकर कन्नौज तक क्षेत्र जो आलू बेल्ट के नाम से जाना जाता है।
यहां पर आलाधिकारियों के नाक के नीचे कोल्ड स्टोरेज मालिक खुलेआम अधिक
मुनाफे के लिए मानकों की अनदेखी कर रहें है। जिसकी बानगी शिवराजपुर के
महिपालपुर गांव में बुधवार को उस समय देखी गई जब शंभू सिंह कटियार के
कटियार कोल्ड स्टोरेज में क्षमता से अधिक आलू रखने से भरभराकर ढह गया।
जिसमें पांच मजदूर बेमौत मारे गये। अभी भी वहां पर एनडीआरएफ व सेना का
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इस बड़े हादसे के बाद जिला प्रशासन नींद से जाग
गया और सुबह आठ बजे से ही आलाधिकारी कटियार कोल्ड स्टोरेज के आस-पास कोल्ड
स्टोरेजों की जांच परख शुरू कर दी।
एडीएम सिटी के.पी. सिंह ने बताया कि
कटियार कोल्ड स्टोरेज के अलावा तीन कोल्ड स्टोरेज भी बिना मानक के चलते हुए
पाये गये। जिनके खिलाफ संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
इन पर हुई एफआईआर
एडीएम
सिटी ने बताया कि कटियार कोल्ड स्टोरेज के मालिक शंभू सिंह कटियार के
खिलाफ सेवन सीएलए के अलावा लापरवाही से किसी की जान जोखिम में डालना सहित
पांच धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके साथ ही बिल्हौर का राधा
कृष्ण कोल्ड स्टोरेज लाइसेंस के बिना निर्माण चलता पाया गया। भाग्य लोक
कोल्ड स्टोरेज का लाइसेंस तो है पर निर्माण की अनुमति नहीं थी फिर भी
निर्माण कार्य चलता पाया गया। इसी तरह चौबेपुर के शशिराज कोल्ड स्टोरेज की
निर्माण की अनुमति है पर लाइसेंस नहीं है। इसके बावजूद यहां पर भंडारण हो
रहा था। जिसके चलते इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। बताया कि
कोल्ड स्टोरेजों की निगरानी बराबर होती रहेगी और कार्यवाही ऐसी ही होती
रहेगी।
आखिर अब तक क्यों थे अफसर चुप
कोल्ड स्टोरेज हादसे के बाद जागे अफसर अब भले की कार्रवाई में जुट गए हो, लेकिन सवाल यह उठाता है कि कई लोगों की जान जाने के बाद ही आखिरकार अफसर व सम्बंधित विभाग की नींद क्यों टूटती है। बड़े पैमाने पर चल रहे इन कोल्ड स्टोरों की रूटीन जांच आखिर क्यों नहीं की जा रही थी। अफसरों के पास इनमें भंडारण तक का लेखा-जोखा नहीं था। जिस तरह से हादसे के बाद अफसर कार्रवाई करने का ढिढौरा पीट रहे हैं उससे साफ है कि कहीं न कहीं मानकों के अनदेखी कर चलाए जा रहे इस कारोबार से जुड़े लोग बिना सेटिंग के तो नहीं चल रहे होंगे। बताते चलें कि ऐसा ही हादसा चकेरी के जाजमऊ में सपा नेता की अवैध बिल्डिंग गिरने के बाद भी अफसर जागे और कार्रवाई में जुट गए थे। डीएम कौशल राज शर्मा ने इसको लेकर जांच कर सम्बंधित अफसरों पर कार्रवाई किए जाने की बात कही जा रही है।
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