जयपुर/अलवर। वन मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने शनिवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि सरिस्का बाघ परियोजना बफर क्षेत्र के गावों में बसे ग्रामवासियों की जमीनों की रजिस्ट्री पर लगी रोक संबंधी आदेशों का परीक्षण करवा कर यथासंभव कार्रवाई की जाएगी।
शून्यकाल में खींवसर जमवारामगढ़ के कतिपय गांव की भूमि के सरिस्का बाघ परियोजना बफर क्षेत्र में आने से अधिकांश जमीनों की रजिस्ट्री पर लगी रोक के संबंध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में 83 गांव है। इनमें से 50 गांव सरिस्का अभयारण्य की परिधि में हैं व 33 गांव पूरे अंदर हैं और बफर क्षेत्र के अंदर डिगोटा ब्लॉक कहलाता है। उसमें 5 गांव अभयारण्य के अंदर है और 8 गांव अभयारण्य के बाहर हैं।
वन मंत्री ने बताया कि विभाग द्वारा 7 जुलाई 2011 को जारी अधिसूचना के तहत सरिस्का बाघ परियोजना अधिसूचित क्षेत्र में आने वाली भूमि न तो उपहार के रूप में हस्तांतरित की जा सकती है और न बेची जा सकती है, केवल उत्तराधिकार के तहत स्थानांतरित की जा सकती है। इस आदेश के विरुद्ध एक जनहित याचिका दायर है, जो न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने सदन को विश्वास दिलाया कि इस अधिसूचना के बाद इस क्षेत्र में विभाग द्वारा क्या-क्या गतिविधियां की गईं व क्या कदम उठाए गए। साथ ही वहां की वस्तुस्थिति से संबंधित सदस्य को अवगत करा दिया जाएगा।
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