नई दिल्ली। भारत मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) में दुनिया के 188 देशों की
सूची में 131वें स्थान पर है। संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में यह कहा
गया है।
एशिया की तीसरी सबसे बडी अर्थव्यवस्था वाला देश भारत इस मामले में
पाकिस्तान, भूटान और नेपाल जैसे दक्षिण एशियाई पडोसी देशों की श्रेणी में
शामिल है। वर्ष 2015 की इस मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार भारत की रैकिंग
पिछले साल के बराबर ही है। हालांकि, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में
चीन और भारत जैसे देशों को ही तरजीह मिल रही है।
संयुक्त राष्ट्र की 2014
की मानव विकास सूचकांक रिपोर्ट में भी भारत 131वें पायदान पर था।
ताजा रिपोर्ट के अनुसार 63 प्रतिशत भारतीय 2014-15 में अपने जीवन-स्तर को
लेकर संतुष्ट बताये गये हैं। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम सालाना आधार
पर रिपोर्ट जारी करता है। इसमें कहा गया है कि भारत का 131वां स्थान इसे
मध्यम मानव विकास श्रेणी में रखता है जिसमें बांग्लादेश, भूटान, पाकिस्तान,
केन्या, म्यांमा और नेपाल जैसे देश शामिल हैं। भारत का एचडीआई रैंक मूल्य
2015 में 0.624 रहा जो 2010 में 0.580 था।
रिपोर्ट के मुताबिक इसमें जीवन प्रत्याशा 2015 में 68.3 रही तथा प्रति
व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 5,663 डालर रही। सुरक्षित महसूस करने की धारणा के
आधार पर 69 प्रतिशत ने हां में जवाब दिया। विकल्प की आजादी के मामले में
72 प्रतिशत महिला प्रतिभागियों ने संतुष्टि जतायी जबकि पुरूषों के मामले
में यह 78 प्रतिशत था। रिपोर्ट के अनुसार भारत ने जीवन संतुष्टि के मामले
में 1-10 के पैमाने पर 4.3 अंक प्राप्त किया।
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