नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने 1,211 सामानों पर कर की दरें निर्धारित की। आम आदमी के लिए खुशी की बात यह है कि जीएसटी में 81 फीसदी सामानों पर कर की दर 18 फीसदी से कम रखी गई है। जीएसटी के अंतर्गत दूध, अंडे, नमक, ताजी सब्जियां, फल, गर्भनिरोधक, जैविक खाद, मिट्टी के बरतन, नारियल, प्रसाद (धार्मिक स्थलों के जैसे मस्जिद, मंदिर, चर्च आदि) को कर से छूट मिली है। वहीं, विलासिता की वस्तुओं पर भारी कर लगाने का फैसला लिया। इन वस्तुओं में तंबाकू, पान मसाला और गैस युक्त पेय पदार्थ शामिल हैं। साथ विलासिता की वस्तुओं की श्रेणी में लक्जरी वाहनों को भी रखा गया है और इन पर कर की दरें ऊंची रखी गई हैं।
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श्रीनगर में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद की हुई दो दिवसीय बैठक में करों की सबसे ऊंची दर 28 फीसदी रखी गई है। छोटी कारों पर जीएसटी की दर 28 फीसदी होगी, इसके अलावा उन पर 1 से 3 फीसदी का उपकर भी लगाया जाएगा। वहीं, गैस युक्त पेय पदार्थो का उपयोग कम करने के लिए इस पर भारी कर लगाया गया है। इसके तहत सोडा वाटर, लेमोनेड और अन्य पेय पदार्थ हैं, जिन पर 28 फीसदी कर के साथ 12 फीसदी का उपकर लगाया गया है। वहीं, पान मसाला पर कुल 88 फीसदी कर वसूला जाएगा। इसे 28 फीसदी के स्लैब में रखा गया है, जबकि 60 फीसदी का उपकर लगाया गया है। सिगरेट पर विशेष कर के साथ ही 5 फीसदी उपकर लगाया गया है। 1000 सिगरेट पर 1,591 रुपये से लेकर 4,170 रुपये का विशेष कर लगाया गया है।
वही, 350 सीसी से अधिक क्षमता वाली मोटरसाइकिलों, निजी विमान और नाव को 28 फीसदी के स्लैब में रखा गया है, साथ ही इन पर 3 फीसदी का उपकर भी लगाया गया है। तंबाकू और तंबाकू उत्पाद पर 61 फीसदी से लेकर 204 फीसदी उपकर लगाया गया, जबकि इन पर 28 फीसदी की दर से जीएसटी कर लिया जाएगा। जीएसटी में कर की सबसे उच्च दर 28 फीसदी के अंतर्गत च्युइंगम, व्हाइट चॉकलेट, कोकोआ वाली चॉकलेट, वेफर्स कोटेड चॉकलेट, इंस्टैट कॉफी, कस्टर्ड पाउडर, बच्चों के रंग-पेंट, वार्निश, परफ्यूम्स, ब्यूटी उत्पाद, सनस्क्रीन, शैंपू, हेयर डाई, ऑफ्टर-शेव लोशन्स और डेयोड्रेंट्स रखे गए हैं।
बैंकिंग सेवाओं पर 18 पर्सेंट जीएसटी...
जुलाई 2017 में वित्तीय लेनदेन पर लगने वाली फीस की दरों में इजाफा हो सकता
है। बैंकिंग सेवाओं पर 18 पर्सेंट जीएसटी लागू किए जाने के फैसले के बाद
इस फीस में बढ़ोतरी होने के पूरे आसार हैं। ऐसे में बैंकों की ट्रांजैक्शन
फीस में इजाफा हो सकता है। बैंकिंग सेवाओं पर अभी तक 15 पर्सेंट का सर्विस
चार्ज लगता था। वहीं एक्सपर्ट्स की राय है कि टैक्स की दर में 3 पर्सेंट की
बढ़ोतरी हो सकती है जिसके बाद 18 फीसद के टैक्स ब्रैकिट में शामिल हो
जाएगा। इस हिसाब से देखें तो बैंकिंग ट्रांजैक्शन में हर100 रुपये के
ट्रांसैक्शन पर लगभग 3 रुपये का इजाफा हो जाएगा। जीएसटी लागू किए जाने के
बाद यह बदलाव 1 जुलाई से हो सकते हैं जिसके बाद आपको बैंकों में ज्यादा
चार्ज देने पड़ सकता हैं।
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