मथुरा। विश्व प्रसिद्ध बरसाना की लट्ठमार होली बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ खेली गई। राधारानी रुपी गोपियों ने नंदगांव के कृष्ण रुपी हुरियारों पर जमकर लाठियां बरसाईं। हंसी ठिठोली, गाली, अबीर गुलाल तथा लाठियों से खेली गई होली का आनंद देश-विदेश से कौने-कौने से आये श्रद्धालुओं ने जमकर लिया। [ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
लट्ठमार होली खेलने से कान्हा के सखा के रूप में आये नन्द गांव के हुरियारे यहां पीली पोखर पर आकर स्नान करते हैं। अपने सर पर पग (पगड़ी) बांध कर बरसाने की हुरियारिनों को होली के लिए आमंत्रित करते हैं। कहा जाता है जब भगवान कृष्ण बरसाने होली खेलने आये थे तो बरसने वालों ने उन्हें इसी स्थान पर विश्राम कराया था और उनकी सेवा की थी। तब से लेकर आज तक बरसाना की लट्ठमार होली से पहले इसी स्थान पर नन्द गांव से आने वाले हुरियारे यहां आकर परंपरा का निर्वहन करते चले आ रहे हैं।
होली के गीत गाते ये लोग हैं नंदगांव के कृष्ण रुपी हुरियारे, जो कि बरसाना में राधा रुपी गोपियों के साथ होली खेलने आये हैं। हजारों बरसों से चली आ रही इस परंपरा के तहत नंदगांव के हुरियारे पिली पोखर पर आते हैं जहां उनका स्वागत बरसाना के लोग ठंडाई और भांग से करते हैं। यहां से ये हुरियारे पहुंचते हैं रंगीली गली जहां ये बरसाना की हुरियारिनों को होली के गीत गा कर रिझाते हैं।
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