बाड़मेर। ढोल की थाप और थाली की टंकार पर सधे हुए कदम, सुरों पर धम्म से जमीन पर पड़ती गैर नृर्तकों की एडिय़ां, पांवों में बंधे घुंघुरुओं की खनक और हाथों में टकराते डांडियों की धुन। ऐसा ही मनोहारी नजारा दिखाई दिया सनावड़ा की होली में। यहां की होली गैर नृत्य के रंगों से सराबोर दिखाई दी।
किलंगी बांधे दूल्हे की तरह सजे गैर नृत्यकों का गोल घूमने का शाही अंदाज अपने आप में रोमांच भरा था। आयोजन में आस-पास के दर्जनों गांवों के हजारों लोगों ने शिरकत की। गोधुली बेला का सूर्य लालिमा बिखेर रहा था, लेकिन कदम थम रहे थे और ना ही लोगों का उत्साह। होली की मस्ती में मस्त गैर नृत्यकों ने माहौल को अपने ही रंग में रंग दिया। [ अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
जिला मुख्यालय से 24 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग 15 पर बसे सनावड़ा गांव में होली के दूसरे दिन धुलंडी पर गैर मेले का आयोजन हुआ। एशियाड में धूम मचा चुके कलाकारों ने ऐसी उम्दा प्रस्तुतियां दी कि दर्शक रोमांचित हो उठे। आंगी-बांगी पहन ढोल की थाप पर मनमोहक अंदाज में गैर नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ के बीच लाल-सफेद आंगी पहने कलाकार गोल घेरे मे डांडियों को टकराते हुए थिरकते नजर आए। मेले में युवाओं के साथ-साथ बुजुर्ग कलाकारों में भी जोशभरे अंदाज में प्रस्तुतियां दी।
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