नई दिल्ली। देशभर में शुक्रवार को रंगों के त्योहार होली बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाने वाले इस त्योहार पर अधिकतर राज्यों में हर शहर, नुक्कड़ और हर गली में बुरा न मानो होली है की गूंज सुनाई दी। लोग टोलियां बनाकर सडक़ों पर रंग लेकर एक-दूसरे को रंगते नजर आए। साथ ही ढोल की धुनों और तेज संगीत पर नाचते लोग अपने तरीके से ही होली का जश्न मनाते नजर आए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
होली के इस त्योहार पर क्या बच्चे, क्या युवा सभी रंगों में रंगे नजर आ रहे थे। भाई चारे के प्रतीक होली पर गिले-शिकवे भूलाकर लोग एक-दूसरे से गले मिले और एक दूसरे के गालों पर गुलाल और अन्य रंग लगाकर अपनी खुशी का इजहार किया। भारतीय संस्कृति की विरासत में त्योहारों और उत्सवों का हमेशा से ही काफी महत्व रहा है। भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी खासियत है कि देश में मनाया जाना हर त्योहार समाज में मानवीय और सद्गुणों को स्थापित कर लोगों में प्रेम, एकता और सद्भावना को बढ़ाता है।
देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरह से होली मनाई गई। बात करें उत्तर प्रदेश की तो यहां ब्रज की बरसाने की लठ्ठमार होली विश्व प्रसिद्ध है। होली खेलने के लिए यहां लोग रंगों के बजाए लाठियों का प्रयोग करते हैं महिलाएं पुरुषों को लठ्ठ मारती है और पुरुष खुद को बचाने के लिए ढालों की आड़ लेते हैं। ब्रज मंडल में करीब डेढ़ महीने तक लठ्ठमार होली का कार्यक्रम चलता है। ब्रज मंडल में नंदगांव, बरसाना, मथुरा, गोकुल, लोहबन तथा बलदेव की होली विशेष रूप से देश-विदेश में प्रसिद्ध है।
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