मुखर्जी के मुताबिक, चुनाव सर्वेक्षण का विश्लेषण करते हुए पत्रिका ने लिखा
था, प्रधानमंत्री की लोकप्रियता और अर्थव्यवस्था में तेजी की लहर पर सवार
भाजपा नेतृत्व वाला गठबंधन आगामी चुनाव में स्पष्ट जीत हासिल करने को तैयार
नजर आ रहा है। मुखर्जी ने लिखा, राजग का आत्मविश्वास हिल गया था। उसके
इंडिया शाइनिंग अभियान का नजीता बिल्कुल उलटा निकला था और भाजपा में निराशा
की लहर छा गई थी, जिसके कारण वाजपेयी ने दुखी होकर कहा था कि वह कभी भी
मतदाता के मन को नहीं समझ सकते। ये भी पढ़ें - लकवे के मरीज यहां से जाते है ठीक होके
मुखर्जी ने साथ ही याद किया कि 2004
आम चुनाव अक्टूबर में होने थे, लेकिन भाजपा ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में मिली जीत को देखते हुए छह महीने पहले ही
चुनाव करा लिए थे, हालांकि दिल्ली में उसे कांग्रेस के हाथों हार मिली थी।
मुखर्जी ने कहा, महत्वपूर्ण राज्यों में जीत के कारण भाजपा में खुशी की लहर
थी। हालांकि कुछ लोगों ने इन परिणामों को राष्ट्रीय रुझान समझने की भूल न
करने की सलाह भी दी थी।
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