वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने गुरुवार को शुरू हुई अपनी
दो दिन की बैठक के तहत पहले दिन 80 से 90 फीसदी वस्तुओं और सेवाओं पर कर की
दरों का निर्धारण कर लिया है। प्रस्तावित जीएसटी व्यवस्था में चार स्तर की
दरें रखी गई हैं, जिसमें रोजमर्रा की वस्तुओं पर पांच प्रतिशत की न्यूनतम
दर रखी गई है। परिषद में सभी राज्यों के वित्त मंत्री या उनके प्रतिनिधि
शामिल हैं। जेटली ने कहा कि आज की बैठक में 1,211 में से छह को छोडक़र बाकी
सभी वस्तुओं के लिए जीएसटी दर तय कर ली गई है। नई कर व्यवस्था में फिटमेंट
इस तरीके से किया गया है कि लोगों पर इसके कारण कर का बोझ नहीं बढ़े इसलिए
वस्तुओं और सेवाओं को उनके ऊपर इस समय लागू उत्पाद शुल्क, वैट या सेवा कर
को ध्यान में रखकर जीएसटी की विभिन्न दरों के साथ जोड़ा जा रहा है। विभिन्न
राज्यों के वित्त मंत्रियों ने रेशमी धागे, पूजा की सामग्री और हस्तशिल्प
उत्पादों को जीएसटी दरों में छूट की मांग की है। ये भी पढ़ें - यहां महाभारत के भीम आज भी करते हैं शहर की रक्षा
जीएसटी नेटवर्क की
आरटीआई में जानकारी नहीं: गृह मंत्रालय ने जीएसटी नेटवर्क को सुरक्षा
संबंधी मंजूरी का ब्योरा सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत देने से इनकार
दिया है। मंत्रालय ने हाल ही में जीएसटी लागू करने के लिए जीएसटीएन को
सुरक्षा मंजूरी प्रदान की है।
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