नई दिल्ली। कोरोना काल में केंद्र सरकार द्वारा गरीबों को मुफ्त अनाज
बांटने की नई योजनाओं के तहत 100 लाख टन से ज्यादा अनाज राज्यों को भेजे
जाने के बावजूद सरकारी गोदामों में अनाज का भंडार 800 लाख टन को पार कर गया
है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से
शुक्रवार को दी गई जानकारी के अनुसार, 11 जून, 2020 को भारतीय खाद्य निगम
(एफसीआई) के गोदामों में 811.69 लाख टन अनाज का भंडार था, जिसमें चावल
270.89 लाख टन और गेहूं 540.80 लाख टन था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मंत्रालय ने बताया कि इस
समय गेहूं और धान की खरीद चल रही है और जो अनाज भी गोदाम तक नहीं पहुंचा
है, वह इस आंकड़े में शामिल नहीं है।
मंत्रालय ने बताया कि
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) की योजना व अन्य कल्याणकारी
योजनाओं के तहत हर महीने करीब 55 लाख टन अनाज की आवश्यकता होती है। इस
प्रकार, सरकारी गोदामों में 14 महीनों तक के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत
अनाज खपत का भंडार इस समय मौजूद है।
आर्थिक मामलों के जानकार बताते
हैं कि कोरोना महामारी के मौजूदा संकट काल में देश में अनाज का पर्याप्त
भंडार होने से सरकार को इस संकट से निपटने में मदद मिली है।
मंत्रालय
ने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत
तीन महीने तक मुफ्त अनाज वितरण के लिए 104.3 लाख टन चावल एवं 15.2 लाख टन
गेहूं की आवश्यकता है, जिसमें 94.71 लाख टन चावल एवं 14.20 लाख टन गेहूं का
उठाव विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने कर लिया है। इस प्रकार
राज्यों ने कुल 108.91 लाख टन अनाज का उठाव किया है।
खाद्य मंत्रालय
से मिली जानकारी के अनुसार, पीएमजीकेएवाई तहत अप्रैल के आवंटित अनाज में
से 74 करोड़ लाभार्थियों को 37 लाख टन अनाज का वितरण किया गया, जबकि मई का
35.82 लाख टन अनाज बंटा और यह 71.64 करोड़ लाभार्थियों को मिला। वहीं, जून
में अब तक 18.68 करोड़ लाभार्थियों के बीच 9.34 लाख टन अनाज का वितरण हो
पाया है। इस प्रकार, पीएमजीकेएवाई के तहत अप्रैल का अनाज 92 फीसदी, मई का
90 फीसदी, जबकि जून का महज 23 फीसदी बंट पाया है।
केंद्र सरकार
पीएमजीकेएवाई के तहत पीडीएस के करीब 81 करोड़ लार्थियों में से हर व्यक्ति
को हर महीने पांच किलो अनाज और राशन कार्डधारी प्रत्येक परिवार को एक किलो
दाल मुफ्त दे रही है। मंत्रालय ने बताया कि इस योजना के तहत दाल की कुल
आवश्यकता तीन माह के लिए करीब 5.87 लाख टन है, जिसमें से 5.50 लाख टन दाल
राज्यों को भेज दी गई है। (आईएएनएस)
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