अमेठी। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) की निवर्तमान सरकार के मंत्री गायत्री प्रजापति को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। राज्य की पुलिस ने उन्हें लखनऊ से गिरफ्तार किया। उन्हें फिलहाल 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुत्र मोह का हथकण्डा आखिर पुलिस के काम आ ही गया। पुलिस ने गैंगरेप के आरोपी गायत्री प्रजापति को लखनऊ पुलिस और एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। वह करीब 16 दिनों से फरार चल रहे थे। सूत्रों कें मुताबिक, लखनऊ के आलमबाग थाने में पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। मंगलवार को उनके दोनों बेटों अनुराग प्रजापति और अनिल प्रजापति को पूछताछ के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया था। बता दें, अमेठी में 27 फरवरी को चुनाव हुआ था, जहां से गायत्री सपा के कैंडिडेट थे। वोटिंग के बाद से ही वे फरार चल रहे थे। गायत्री प्रजापति पर एक महिला से गैंगरेप और उसकी बेटी से सेक्शुअल हैरेसमेंट का आरोप है। बेटे क्यों लिए गए हिरासत में [ अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
गायत्री के बेटों अनुराग और अनिल को पुलिस ने हिरासत में लिया था। उन पर मामले से जुड़े आरोपियों रुपेश, विकास वर्मा, पिंटू उर्फ अमरेंद्र सिंह को छिपाने का आरोप था। हालांकि, लखनऊ पुलिस ने इन 3 आरोपियों को अरेस्ट कर लिया था। पीड़िता का दर्ज किया गया था बयान
मामले में सीजेएम कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज कराया गया था। इस दौरान मामले की जांच कर रही सीओ आलमबाग अमिता सिंह भी मौजूद थीं। बता दें, गायत्री के खिलाफ एक महिला ने आरोप लगाया था कि प्रजापति और उनके साथियों ने दो साल तक उसका गैंगरेप किया। साथ ही उसकी बेटी का भी यौन शोषण किया। महिला ने इसकी शिकायत भी की थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नही हुई। इसके बाद पीड़िता सुप्रीम कोर्ट पहुंची। कोर्ट ने तुरंत मंत्री के खिलाफ रेप और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज करने का ऑर्डर दिया था।
प्रजापति से 3 साल पहले हुई थी मुलाकात
सूत्रों के मुताबिक, महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि गायत्री के एक करीबी ने उसकी मुलाकात करीब 3 साल पहले गायत्री से कराई थी। महिला का आरोप है कि मंत्री ने उसकी चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोशी की हालत में उसके साथ रेप किया था। महिला ने आरोप लगाते हुए कहा था कि गायत्री ने घटना की तस्वीरें भी ली थीं। साथ ही, प्रजापति ने उसको कई बार तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल करते हुए रेप किया था।
गायत्री को अखिलेश ने किया था बर्खास्त
सितंबर 2016 में सीएम अखिलेश यादव ने पहली बार करप्शन के आरोपों का सामना कर रहे गायत्री प्रजापति और राजकिशोर सिंह को बर्खास्त कर दिया था। दरअसल, गायत्री खनन मंत्री थे और उन पर खनन मंत्री रहते हुए अवैध खनन की गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है। गायत्री और खनन विभाग के अफसरों पर सीबीआई का शिकंजा कसने का संकेत मिलते ही सीएम अखिलेश ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था। हालांकि, बाद में मुलायम सिंह यादव के कहने पर गायत्री की पार्टी में वापसी हो गई थी। बता दें कि प्रजापति को मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता है।
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