गुवाहटी। देश के 5वें राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार के सदस्यों के नाम असम एनआरसी सूची से गायब है। कामरूप में फखरुद्दीन के भतीजे एसए अहमद ने कहा, एनआरसी सूची से परिवार के 4 सदस्यों के नाम गायब है। हम अधिकारियों के पास जाएंगे और सूची में शामिल नामों को प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया का पालन करेंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वहीं एनआरसी लिस्ट से बाहर हुए लोगों को राहत देते हुए विदेश मंत्रालय ने ऐलान किया है कि क़ानून के अंतर्गत आने वाले सभी अधिकारों के रहते उन्हें हिरासत में नहीं लिया जाएगा। वे पहले की तरह ही अपने सभी अधिकारों के साथ भारत में रहेंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि यह एक कार्यकारी-संचालित प्रक्रिया नहीं है। इस प्रक्रिया की निगरानी सीधे SC द्वारा की जा रही है और सरकार न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार कार्य कर रही है। शीर्ष न्यायालय ने खुद अब तक उठाए गए सभी कदमों की समय सीमा निर्धारित की है।
रवीश कुमार ने कहा, ‘ NRC का उद्देश्य 1985 में भारत सरकार, असम राज्य सरकार, अखिल असम छात्र संघ (AASU) और अखिल असम गण संग्राम परिषद के बीच हस्ताक्षरित असम समझौते को प्रभावी करना है।’ उन्होंने कहा, ‘ अंतिम NRC के पहलुओं के बारे में विदेशी मीडिया के वर्गों में कुछ टिप्पणियां आई हैं जो गलत हैं। भारत सरकार ने असम के नागरिक के हितों का ध्यान रखने के वादे के साथ 1985 में असम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।’
बता दें, असम में बहुप्रतीक्षित एनआरसी की अंतिम सूची शनिवार को ऑनलाइन जारी की गई। एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था। एनआरसी की सूची में 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार 4 लोगों को शामिल किया गया है जबकि सूची से 19 लाख 6 हजार 657 लोगों को बाहर रखा गया है।
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