जौनपुर। प्रदेश की नई सरकार से क्षेत्रवासियों को विकास की आस जग गई
है। क्षेत्र के नैपूरा घाट पर गोमती नदी पर बने पीपा पुल के अब पक्का होने की
उम्मीदें लोगों की बढ़ गई हैं। यह पुल केराकत व जफराबाद विधानसभा के सीमावर्ती
क्षेत्र में पड़ता है। नैपूरा घाट पर बना यह पीपा पुल नदी के उस पार खर्चनपुर घाट
पर मिलता है। जो रास्ता आगे जाकर सिरकोनी के पास जौनपुर - वाराणसी मार्ग में मिल
जाता है। इस घाट पर नाव की भी व्यवस्था नहीं है।
अब तक लोगों के आवागमन का यह पीपा
पुल ही सहारा रहा है। इसे बाढ़ के बाद हर साल अक्टूबर महीने में चालू कर दिया जाता
था। लेकिन इस बार अभी तक चालू नहीं करके प्रशासन उदासीन बना हुआ है। पीपा पुल के
अधूरा पड़े रहने से आवागमन प्रभावित है। ऐसे में क्षेत्र के दर्जनों गांवों के
लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इस पीपा पुल से मुफ्तीगंज ब्लाक के नैपूरा, विझवार
सागर, विझवार सारंग, हनुआडीह, अमरा, असवारा, कुण्डी, जमुआरी, शहाबुद्दीनपूर, इटैली
आदि व धर्मापुर ब्लाक के सरेमू, कोतवालपुर, खटोलियां, मगरावां, सोनारी,
पिलखिनी, कुरेथू, दशरथा,
बघन्द्रा, गजना, गोपालपुर,
गद्दोपुर आदि गांवों के लोगों का आवागमन होता है।
क्षेत्र के डा. मुकेश, डा. बहादुर, अब्दुल करीम, जगदीश गुप्त, उस्मान
गनी, भोला माली, डा० राम अचल, प्रभु नारायण सिंह,रमेश राय, फूलचन्द,
सलाउद्दीन, अशोक मौर्य, प्रदीप
नागर, ज्ञानचन्द, अनिल यादव अन्य ने
नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों से प्रयास कर इस पीपा पुल को पक्का पुल में बदलवाने की
मांग की है।
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