तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने एक बयान में कहा था कि
चुनाव आयोग के सामने मजबूत सबूत पेश करने के बावजूद उनकी पार्टी को चुनाव
चिह्न नहीं मिलना आश्चर्यजनक और निराशाजनक था। उन्होंने कहा था कि वह किसी
भी कीमत पर चुनाव चिह्न वापस लेकर रहेंगे।
जेल की सजा काट रहीं
अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला के भतीजे दीनाकरण का भी कहना था कि पार्टी
कार्यकर्ता पहले भी इस तरह की स्थिति का सामना कर चुके हैं जब चुनाव आयोग
ने अन्नाद्रमुक संस्थापक एमजी रामचंद्रन की मौत के बाद 1987 में पार्टी के
चुनाव चिन्ह के उपयोग पर रोक लगा दी थी।
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