कानपुर।
भारतीय बाल रोग अकादमी द्वारा स्वरूप नगर के एक होटल में निमोनिया को लेकर
संगोष्ठी का आयोजन किया गया। डा. विवेक सक्सेना ने बताया कि निमोनिया ऐसा
रोग है जो किसी भी उम्र में किसी को हो सकता है। इसके लिए मेडिकल में बराबर
रिसर्च हो रहें है। जिसके चलते तमाम प्रकार की वैक्सीन बाजार में उपलब्ध
हैं।
निमोनिया को कोई भी व्यक्ति हल्के में ना ले तत्काल डाक्टर से संपर्क
करें। बताया कि किसी एक रोग में देश में सबसे ज्यादा मौतें निमोनिया से
होती है। डा. राजतिलक ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि बच्चे को निमोनिया
के लक्षण होते हुए लोग वैक्सीन का प्रयोग नहीं करते और घरेलू उपचार पर अधिक
जोर देते हैं। वैक्सीन के टीकाकरण की भ्रामक खबरों में न जाय, टीकाकरण एक
स्वस्थ बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर रोग के कीटाणुओं के विरुद्ध
शरीर को रक्षा प्रदान करता है। डा. आशीष श्रीवास्तव, डीजीएम आई के डा. वीएन
त्रिपाठी व डा. चंद्रेयी लूथर ने आधुनिक टीकाकरण के बारे में विस्तार से
बताया। कहा कि निमोनिया मुख्यता फेफड़ों का संक्रमण रोग होता है। यह किसी भी
उम्र में हो सकता है हवा में मौजूद बैटीरिया और वायरल सांस के माध्यम से
फेफड़ों तक पहुंच जाता है कई बार फफूंद की वजह से फेफड़े संक्रमित हो जाते
हैं। इस दौरान डा. राजतिलक, डा. सुनील अग्रवाल, डा. एम.एम. मैथानी, डा.
मोहित मैथानी, डा. जेजे तंबे, डा. प्रदीप मट्टू, डा. जेके गुप्ता आदि मौजूद
रहें।
पीएम मोदी ने भाजपा प्रत्याशियों को लिखा पत्र, बोले- 'यह चुनाव उज्जवल भविष्य के निर्माण का सुनहरा अवसर'
कोर्ट में ईडी का दावा, केजरीवाल जमानत के लिए जेल में जानबूझकर खा रहे आम और मिठाइयां
पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर में शांति लाने के लिए निर्णायक कदम उठाए : जेपी नड्डा
Daily Horoscope