नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को 'मेक इन इंडिया' के तहत सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए 7,965 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी। रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित अपनी बैठक में सशस्त्र बलों की आधुनिकीकरण और अभियानगत आवश्यकताओं के लिए 7,965 करोड़ रुपये के पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) को मंजूरी प्रदान की है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, "ये सभी प्रस्ताव (100 फीसदी) भारत में डिजाइन, विकास और निर्माण पर फोकस के साथ 'मेक इन इंडिया' के तहत हैं।"
घरेलू स्रोतों से खरीद की प्रमुख मंजूरी में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 12 लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर; भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) से लिंक्स यू2 फायर कंट्रोल सिस्टम, जो नौसेना के युद्ध पोतों की आग का पता लगाने संबंधी क्षमताओं में वृद्धि करेगा तथा एचएएल से डोर्नियर एयरक्राफ्ट के मिड लाइफ अपग्रेडेशन की मंजूरी शामिल है।
'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को एक और प्रोत्साहन के रूप में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) द्वारा निर्मित किए जा रहे उन्नत सुपर रैपिड गन माउंट (एसआरजीएम) में जोड़े गए इन तोपों की मात्रा के साथ नौसेना तोपों की वैश्विक खरीद के मामले को बंद कर दिया गया है।
ये एसआरजीएम निर्देशित युद्ध सामग्री और रेंज एक्सटेंशन का उपयोग करके तेजी से युद्धाभ्यास लक्ष्यों को प्राप्त करने की विशिष्ट क्षमताएं प्रदान करते हैं और इन्हें भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर फिट किया जाना है। (आईएएनएस)
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