नई दिल्ली। सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में दिलचस्प सवाल-जवाब हुए। सवाल करने वाले पूर्व विधि मंत्री थे तो जवाब देने वाले देश के वित्त मंत्री थे जो पहले विधि मंत्री भी रह चुके हैं। ये
सवाल-जवाब डीडीसीए से जुडे मानहानि मामले की सुनवाई के दौरान हुए। केंद्रीय
वित्तमंत्री अरूण जेटली ने आम आदमी पार्टी पर मानहानि का मुकदमा दायर किया
हुआ है और सोमवार को वकील राम जेठमलानी ने दिल्ली की अदालत में उनसे लंबी
पूछताछ की। कम से कम दो घंटे तक चली इस बहस में जेटली को यह समझाने के लिए
कहा गया कि वह किस तरह अपनी प्रतिष्ठा को पहुंची ठेस के लिए कह रहे हैं कि
उसकी भरपाई नहीं हो सकती और उसे आंका नहीं जा सकता और कहीं यह मामला खुद को
महान समझने का तो नहीं है।
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पूर्व बीजेपी नेता राम जेठलमलानी इस केस को केजरीवाल की तरफ से लड रहे थे
और उन्होंने बिना किसी संकोच के जेटली से इस सवाल के जवाब की मांग कि
मानहानि का दावा क्यों। सुनवाई के दौरान जेटली काफी भावुक होते नजर आए।
उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए वो मीडिया मे जाकर लगाये
गए,पार्लियामेंट मे भी इसी तरह के सवाल मेरे ऊपर खडे किये गए, मेरी छवि को
ख़राब करने की कोशिश की गई और ये लगातार 5 दिन तक किया गया। मेरी छवि को
जिस तरह से ख़राब किया गया उसकी क्षतिपूर्ति नहीं की जा सकती और ये तब भी
किया जाता रहा जबकि मैं इन आरोपों का लगातार खंडन करता रहा।
हाइकोर्ट में जेठमलानी ने जेटली से पूछा,इसके पीछे कोई तर्कसंगत कारण तो
नजर नहीं आता सिवाय इसके कि आप खुद अपने बारे में ऎसा सोचते हैं। इस पर
जेटली ने जवाब दिया,मेरे सम्मान को पहुंचे नुकसान के लिए जो मैंने कीमत
लगाई है वो उस बडी क्षति का एक बहुत ही छोटा सा हिस्सा है जो दरअसल मुझे
पहुंची है।
कोर्ट में रामजेठमलानी की तरफ से अरूण जेटली के लिए 52 सवाल रखे गए। इनमें
से 30 केस से जुडे सवाल लगे, एक-तिहाई यानि 8,9 सवालो को कोर्ट की तरफ से
अयोग्य करार दिया गया।
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