नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर में अंतर-राज्यीय यात्रा करने से जुड़े मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि इसके लिए एक समान नीति, एक कॉमन पोर्टल और एक अंतर-राज्यीय यात्रा पास होना चाहिए। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम.आर. शाह की पीठ ने आम आदमी से जुडे मुद्दे को हल करने के लिए केंद्र को एक सप्ताह का समय दिया है। पीठ ने केंद्र से दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में आने-जाने वाले यात्रियों के आवागमन की प्रक्रिया के लिए एक समान नीति विकसित करने के लिए उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा की बैठक बुलाने के लिए भी कहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
न्यायमूर्ति कौल ने जोर दिया कि एनसीआर क्षेत्र के लिए, एक सुसंगत नीति होनी चाहिए। पीठ ने कहा, "एक नीति, एक रास्ता और एक पोर्टल की आवश्यकता है।"
कोर्ट में दायर की गई याचिका में तर्क दिया गया था कि एनसीआर के निवासी जिनके परिवार के सदस्य या प्रियजन एनसीआर के भीतर अंतर-राज्यीय सीमा के दोनों ओर निवास करते हैं, उन्हें दूसरी तरफ से पार करने में उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। खास तौर से चिकित्सा आपात स्थिति में उन्हें अस्पतालों या स्वास्थ्य पेशेवरों तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है।
याचिका में आरोप लगाया गया कि एनसीआर के भीतर सीमाओं को सील करना, गृह मंत्रालय (एमएचए) के नए दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। (आईएएनएस)
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