नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार एम. वेंकैया नायडू पर पारदर्शिता और सत्यनिष्ठा को लेकर निशाना साधा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि तेलंगाना सरकार ने वेंकैया के बेटे की कंपनी को वाहनों की खरीद का सीधा ठेका दे दिया और एक ट्रस्ट को दो करोड़ रुपये के शुल्क में छूट दे दी, जिसमें उनकी बेटी प्रबंध न्यासी हैं। वहीं, नायडू ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ये आरोप पहले भी लगाए जाते रहे हैं। हर्षा टोयोटा द्वारा तेलंगाना सरकार को वाहनों की सप्लाई के आरोप पर बयान में नायडू ने कहा कि जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि हर्षा टोयोटा को बिना टेंडर के ही नियमों का उल्लंघन करते हुए सप्लाई का आदेश दिया गया था। मैं पूरी ईमानदारी से कहता हूं कि मैं अपने बच्चों के बिजनेस से खुद को दूर रखता हूं। रमेश के सवालों पर मैंने तथ्य सबसे सामने रखा है। तथ्य यह है कि हर्षा टोयोटा ने बतौर डीलर कभी भी सीधे तौर पर वाहनों की खरीद के लिए राज्य सरकार के साथ डील नहीं की। कोई सप्लाई ऑर्डर हर्षा टोयोटा को नहीं दिया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कुशाभाऊ ठाकरे मेमोरियल ट्रस्ट को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जमीन आवंटित करने के रमेश के आरोप पर नायडू ने कहा, बतौर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर मैं इस ट्रस्ट का पूर्व चेयरमैन था और जमीन आवंटन में मेरी कोई भूमिका नहीं है। क्या यह भी एक तथ्य नहीं है कि कई ट्रस्टों को कांग्रेस सरकार समेत विभिन्न सरकारों द्वारा ऐसे ही जमीन आवंटित किए जाते रहे हैं? आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में 4.95 एकड़ जमीन आवंटित करने के आरोप पर नायडू ने कहा, इस मुद्दे को स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने 2002 में उठाया था। बाद में वे इस मामले को कोर्ट में भी ले गए थे, जहां उनके आरोप खारिज कर दिए गए थे। इससे साबित होता है कि रमेश का आरोप पूरी तरह झूठा और राजनीति से प्रेरित है।
कांग्रेस नेता ने नायडू और बीजेपी से पूछे ये सवाल
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने नायडू और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से चार सवाल पूछे और कहा कि उनके लिए इनके उत्तर देना जरूरी है, क्योंकि वे पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी की बात करते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार भ्रष्टाचार और गलत कामों के लिए शून्य सहनशीलता की बात कही है। रमेश ने कहा कि तेलंगाना सरकार ने इस साल जून में एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत नायडू की बेटी के स्वर्ण भारती ट्रस्ट को हैदराबाद महानगर विकास प्राधिकरण को दो करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि के शुल्क अदा करने से छूट दी गई है।
रमेश ने कहा, क्या यह सही नहीं है कि ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि उनकी बेटी संगठन की प्रबंध न्यासी हैं। इससे पहले जुलाई 2014 में तेलंगाना सरकार ने दो कंपनियों -नायडू के बेट की कंपनी हर्षा टोयोटा और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बेटे की कंपनी हिमांशु मोटर्स- को 271 करोड़ रुपये के पुलिस वाहनों की खरीद का ठेका दिया था। रमेश ने कहा, क्या यह सही नहीं है कि यह ठेका सभी नियमों को ताक पर रखकर और बिना निविदा जारी किए दिया गया था? उन्होंने कहा कि कुशाभाऊ ठाकरे मेमोरियल ट्रस्ट को सितंबर 2004 में शाहपुरा, भोपाल में करोड़ों रुपये मूल्य की 20 एकड़ जमीन आवंटित की गई और जनवरी 2007 में उसकी लीज डीड रजिस्टर की गई।
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