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चिंतन शिविर में किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस ने बनाई कमेटी

Congress formed a committee to discuss the issue of farmers in Chintan Shivir - India News in Hindi

नई दिल्ली ।कांग्रेस पार्टी इन दिनों एक बार फिर चुनावी रणभूमि में मजबूती से उतरने की तैयारी में है। यहीं वजह है की पार्टी ने अपने चिंतन शिविर में किसान और कृषि मुद्दे पर चर्चा के लिए विस्तृत रिपोर्ट बनाने के लिए कमेटी का गठन किया है। 9 साल बाद कांग्रेस राजस्थान के उदयपुर में तीन दिवसीय चिंतन शिविर करने जा रही है जोकि 13,14,और 15 मई को आयोजन किया जाएगा। शिविर में किसानों के मुद्दे पर, कृषि के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष ने एक कमेटी बनाने का गठन किया है। इस कमेटी में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव, दिल्ली प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, नाना पटोले, प्रताप सिंह बाजवा, अखिलेश प्रताप सिंह, अजय सिंह लल्लू, अरुण यादव और गीता कोर को शामिल किया गया है।
लगभग 9 साल बाद राजस्थान में कांग्रेस का ये राष्ट्रीय चिंतन शिविर होगा। 13 से 15 मई तक प्रस्तावित चिंतन शिविर में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और प्रशांत किशोर सहित पार्टी के तमाम दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे। इस चिंतन शिविर में कांग्रेस के सभी सांसदों और विधायकों को बुलाया गया है। साथ ही पार्टी के पदाधिकारियों और सक्रिय कार्यकर्ताओं को भी आमंत्रण भेजा गया है।
मिशन 2024 के तहत कांग्रेस के एक्शन प्लान के बारे में सभी को जानकारी दी जाएगी। जिस पर चर्चा के लिये प्रशांत किशोर भी मौजूद रहेंगे। वहीं पांच राज्यों की हार के बाद तीन दिन तक चलने वाले इस शिविर में नेताओं व कार्यकर्ताओं से हार के कारण जानने की कोशिश की जाएगी। साथ ही कांग्रेस गुजरात, हिमाचल प्रदेश के साथ ही अगले वर्ष होने वाले कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों के विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति बनाएगी।
कुछ नेताओं की ओर से कार्यक्रम के दौरान नई रणनीति बनाने के साथ ही राहुल गांधी की अध्यक्ष के तौर पर फिर से ताजपोशी की जा सकती है। जैसा कि 9 साल पहले चिंतन शिविर में ही राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने की घोषणा की गई थी। इसी तरह का चिंतन शिविर साल 2013 में जयपुर हुआ था। उस समय शिविर में 2014 के लोकसभा चुनाव में जाने की तैयारियों और रणनीति को लेकर चर्चा की गई थी। तब राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष भी बनाया गया था। संयोग है कि तब भी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही थे।
हालांकि जानकार ये मानते हैं कि दो कारणों से चिंतन शिविर के लिए मेवाड़ को चुना गया है। उनका कहना है कि जिस तरह दिल्ली की सत्ता तक पहुंचने के लिए उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण है, ठीक उसी तरह राजस्थान की गद्दी पर बैठने के लिए मेवाड़ को फतह करना जरूरी है। राजस्थान सीएम अशोक गहलोत भी मेवाड़ फतह करने की चाह रखते हैं। दूसरा कारण ये है कि यह इलाका गुजरात से लगा हुआ करीबी क्षेत्र है। दिसंबर में गुजरात में विधानसभा चुनाव है कांग्रेस पार्टी के इस चिंतन शिविर में गुजरात में 27 साल पुराने बीजेपी के किले को भेदने की रणनीति तैयार की जाएगी। जानकारों के अनुसार मेवाड़ में जो पार्टी सबसे ज्यादा सीट जीतती है, उसी की सरकार जयपुर में बनती है तो ये गुजरात के साथ-साथ राजस्थान के आगामी चुनावों की रणनीति के तहत भी फिट माना जा रहा है।
--आईएएनएस

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Web Title-Congress formed a committee to discuss the issue of farmers in Chintan Shivir
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