कानपुर। शहर का भले ही औद्योगिक क्षेत्र सिमट गया हो पर आज भी कानुपर रंगों का किंग बना हुआ है। जिसके चलते होली का त्योहार नजदीक आते ही यशोदा नगर इलाकें में हर तरफ अबीर गुलाल ही दिख रहा है। यहां का गुलाल अबीर मध्य उत्तर प्रदेश में इस कदर प्रसिद्ध पा चुका है कि आस-पास के जनपदों से बराबर आर्डर आ रहें हैं।
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रंगों का त्योहार कहे जाने वाले होली के पर्व की तैयारी इन दिनों जोरां पर है। लोग त्योहार के लिए अपना-अपना बजट लगभग पास कर चुकें हैं। तो वहीं फगुवा खेलने के लिए अबीर व गुलाल का उत्पादन भी जोरों पर है। खासतौर पर शहर के दक्षिण इलाके यशोदानगर में। जहां पर बड़े-बड़े कारखाने लगे हुए है और खेतों में सुखाकर दूसरे शहरों में भेजने की तैयारी की जा रही है। इन दिनों व्यापारियों की कोशिश है कि समय कम बचा हुआ और आर्डर अधिक है जिसके चलते यहां पर दिन रात बराबर काम चल रहा है। यहां पर जिधर भी देखो वहीं पर गुलाल अबीर के ढेर ही ढेर दिखाई दे रहें हैं। धीरेन्द्र यादव ने बताया कि यह ऐसा इलाका है जहां पर मैदान बहुत है जिससे कारखाना से गुलाल अबीर बनाने के बाद खेतों में आसानी से सुखाया जा सकता है। बताया कि लगभग 15 साल पहले इस क्षेत्र में अबीर गुलाल का पहला कारखाना खोला गया। जिसके बाद से हर वर्ष कारखाने बढ़ रहें है। रमेश गुप्ता ने बताया कि मांग को देखते हुए यहां पर इतने कारखाने हो गये है कि कानपुर को अब रंगों का किंग कहा जाने लगा है। बताया कि कानपुर, झांसी, बांदा, अलीगढ़, इलाहाबाद आदि
मण्डलों सहित मथुरा वृन्दावन, आगरा, लखनऊ, गोरखपुर, बस्ती, गाजियाबाद व मेरठ पर यहां के गुलाल अबीर की सप्लाई होती है।
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