गाजियाबाद। W H O की रिपोर्ट के मुताबिक 80 से 85% बीमारियां गंदगी से होती है और प्रतिदिन 2000 व्यक्ति इस कारण मरते है । ये एक गंभीर विषय है। जिसको जागरूकता की जरूरत है । गाजियाबाद मे स्वच्छ भारत मिशन के तहत टायलेट बनाने का काम जोरों से चल रहा है। स्वच्छता को लेकर जागरूकता के इस काम में लगे प्रशासनिक अधिकारियों के सामने कई ऐसे मामले सामने आए जो कि अजीबोगरीब थे । दरअसल यहां एक गाव में एक किसान परिवार जिसकी सम्पत्ति करीब 17 करोड रूपये है लेकिन उनके घर में टायलेट नही था । जिसके बाद प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हे मोटिवेट किया और उनसे घर में टायलेट बनवाया।
अधिकारियो का मानना है कि खुले मे शौच जाने की कुछ मुख्य वजह है पहली वजह है गावों में इसे परम्परागत तौर पर लिया जाता है । और ये देहात के लोगों की आदत मे शुमार है । दूसरी वजह है स्वच्छता को लेकर जागरूकता की भारी कमी है। वहीं टायलेट को प्राथमिकता न देने कारण पैसे खर्च करना फिजूलखर्ची माना जाता है और यही इस परिवार के साथ भी हुआ । जो कि करोड़पति होने बावजूद भी टायलेट नहीं बनवा पाये ।
गाजियाबाद की अगर बात करें तो 2014 में स्वच्छ भारत मिशन से पहले यहा खुले में शौच जाने का प्रतिशत 20 से 25 था जबकि अब ये महज 8 प्रतिशत ही रह गया है । प्रशासन का दावा है कि खुले में शौच की प्रथा को जल्द ही जड़ से खत्म कर दिया जायेगा |
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