नई दिल्ली। भारत के कड़े विरोध के बावजूद चीन कारोट हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने करने के लिए कमर कस चुका है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में झेलम नदी पर 2 अरब डॉलर की कारोत पनबिजली परियोजना पर काम चल रहा है। पाकिस्तान में बिजली संकट को कम करने के लिए पीओके में एक पनबिजली परियोजना को चीन तय समय से पहले पूरा करना चाहता है। इसे 30 साल के लिए ‘बिल्ड-ओन- ऑपरेट- ट्रांसफर’(बीओटी) आधार पर बनाया जा रहा है। इसके बाद इसका मालिकाना हक पाकिस्तान सरकार को मिल जाएगा। कारोत बिजली स्टेशन की क्षमता 720 मेगावाट है। कारोत पनबिजली परियोजना के अलावा पाकिस्तान के लिए चीन हाइड्रो, विंड और सोलर पावर पर आधारित कई और परियोजनाएं भी शुरू करेगा।
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चीन की सरकार संचालित ग्लोबल टाइम्स अखबार की खबर के मुताबिक कारोत बिजली कंपनी लिमिटेड एक चीनी कंपनी की सहायक कंपनी है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि परियोजना से पाकिस्तान की बिजली की कमी दूर करने में मदद मिलेगी और इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन होगा। हालांकि, खबर में परियोजना के पूरा होने की नई समय सीमा का जिक्र नहीं है। लेकिन इस परियोजना को समय से पहले पूरा करने के लिए चीन कमर कस चुका है।
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