देश का वित्तीय घाटा अप्रैल-जुलाई में चालू वित्त वर्ष के सालाना बजटीय
लक्ष्य का 92 फीसदी या 5.05 लाख करोड़ रुपये रहा है, जबकि पूरे साल का
लक्ष्य 5.46 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। आधिकारिक आंकड़ों से
गुरुवार को यह जानकारी मिली। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा प्रस्तुत
आंकड़ों से पता चलता है कि वित्तीय घाटा अप्रैल-जुलाई तिमाही के दौरान
पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में बजट का 73.7 फीसदी रहा है।
वित्त वर्ष 2017-18 में सरकार ने राजस्व और खर्च के अंतर (वित्तीय घाटा) को
5.46 लाख करोड़ रुपये रखने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जबकि पिछले वित्त
वर्ष में यह 5.34 लाख करोड़ रुपये था। ये भी पढ़ें - राम रहीम: फैसला सुनाने के दौरान जानिए कोर्ट रूम में क्या क्या हुआ
सीजीए के आंकड़े के मुताबिक
समीक्षाधीन अवधि के दौरान कर राजस्व प्राप्ति 2.57 लाख करोड़ रुपये या
अनुमान का 21 फीसदी रही, जबकि सरकार को गैर-ऋण पूंजी से कुल राजस्व
प्राप्ति 3.03 लाख करोड़ रुपये या वर्तमान साल के बजटीय अनुमान का 19 फीसदी
रही। आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-जुलाई अवधि में सरकार का कुल खर्च
8.08 लाख करोड़ या समूचे बजट अनुमान का 37.7 फीसदी रहा। समीक्षाधीन अवधि
में राजस्व घाटा 4.22 लाख करोड़ रुपये या अनुमान का 131.2 फीसदी रहा।
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