नई दिल्ली। देश के मुख्य सांख्यिकीविद टी.सी.ए. अनंत ने गुरुवार को कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की विकास दर कम होकर 5.7 फीसदी पर आने का प्रमुख कारण कंपनियों द्वारा 1 जुलाई को जीएसटी लागू होने के पहले अपने स्टॉक को सावधानी बरतते हुए खाली करना रहा। अनंत ने यहां पहली तिमाही के नतीजे जारी करने के बाद संवाददाताओं से कहा, जिस प्रमुख क्षेत्र में तेज गिरावट दर्ज की गई, वह उद्योग है। कॉरपोरेट निकाय पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में अपने स्टॉक खाली करने में जुटी रही, जिसका प्रमुख कारण जीएसटी लागू होने के कारण पडऩे वाला असर रहा।
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मुख्य सांख्यिकीविद ने कहा कि त्योहारी अवधि के कारण कंपनियों के पास पहले ही बहुत ज्यादा स्टॉक नहीं था। दूसरी तिमाही से जीडीपी में वापस तेजी लौटने की उम्मीद है और जीएसटी लागू हो जाने के बाद सब कुछ सामान्य हो गया है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी 5.7 फीसदी की विकास दर के साथ 31.10 लाख करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 6.1 फीसदी था। समीक्षाधीन अवधि में विकास दर में यह गिरावट इसकी पिछली तिमाही से तुलना करने पर और अधिक तेज है, जब देश की जीडीपी की विकास दर 7.9 फीसदी थी।
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