• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

Chandrayaan 2 : चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को लेकर आज आ सकती है अच्छी खबर, नासा देगा जानकारी

Chandrayaan 2 : NASA to share photos of Vikram landing site before and after its ill fated descent - India News in Hindi

नई दिल्ली। चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) के विक्रम लैंडर को लेकर आज का दिन काफी अहम है क्योंकि आज अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा विक्रम लैंडर के लैंडिंग स्थल का पता लगा सकता है। नासा के लूनर रिकॉनेनेस ऑर्बिटर (एलआरओ) मंगलवार को विक्रम लैंडर का पता लगाने की कोशिश करेंगे। नासा का यह लूनर रिकॉनेनेस ऑर्बिटर विक्रम लैंडर के लैंडिंग साइट से गुजरेगा। ऐसे में उम्मीद जताई जा सकती है कि नासा का यह ऑर्बिटर विक्रम से संपर्क साधने की कोशिश करेगा और लैंडिंग स्तल की तस्वीरें कैद कर सकेगा। चंद्रयान-2 विक्रम लैंडर का पता लगाने के लिए इसरो के पास महज पांच दिन शेष बचे हैं और ऐसे में उम्मीद जताई जा सकती है कि आज एक अच्छी खबर आ सकती है।

बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के वैज्ञानिक अब भी अपने दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर से संपर्क साधने में लगे हैं। इसरो की मदद के लिए ही अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अपने लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर के जरिए चांद के उस हिस्से की तस्वीरें भी लेगा, जहां विक्रम लैंडर की लैंडिंग हुई है।

बता दें कि 7 सितंबर को चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का लैंडिंग से महज चंद कदम पहले इसरो के कंट्रोल पैनल से संपर्क टूट गया था, जिसके बाद से ही संपर्क साधने की कोशिशें हो रही हैं। स्पेसफ्रेम डॉट कॉम के अनुसार नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के एलआरओ के परियोजना वैज्ञानिक नोआ पेट्रो ने मंगलवार कहा कि आज विक्रम लैंडिंग साइट पर ऑर्बिटर उड़ान भरने वाला है। बता दें कि नासा ने पहले ही कहा है कि वह इसरो को लैंडिंग स्थल की लैंडिंग से पहले और बाद की तस्वीर देगा।

8 सितंबर को चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर का पता लगाया था, मगर उससे अब तक संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है। इसरो ने अब तक उसकी एक भी तस्वीर जारी नहीं की है, हालांकि, उसने कहा है कि ऑर्बिटर ने थर्मल इमेज लिया है।

इसरो प्रमुख के सिवन ने कहा था कि वैज्ञानिक विक्रम के साथ संबंध स्थापित करने का प्रयास करते रहेंगे। विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित करने के लिए महज पांच दिन बचे हैं। ऐसे इसलिए क्योंकि विक्रम जिस वक्त चांद पर गिरा, उस समय वहां सुबह ही हुई थी। चांद का पूरा दिन यानी सूरज की रोशनी वाला पूरा समय धरती के 14 दिनों के बराबर होता है। इन दिनों में चांद के इस इलाके में सूरज की रोशनी रहती है। 14 दिन बाद यानी 20-21 सितंबर को चांद पर रात होनी शुरू हो जाएगी। 14 दिन काम करने का मिशन लेकर गए विक्रम और उसके रोवर प्रज्ञान के मिशन का वक्त पूरा हो जाएगा। इस अवधि के बाद सौर पैनलों के सहारे चलने वाला विक्रम लैंडर स्लीप मोड में चला जाएगा।

इसरो प्रमुख ने यह भी कहा था कि विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई थी। साथ ही इसरो ने यह भी कहा था कि चांद की सतह पर विक्रम लैंडर सलामत है और वह साबुत है। बस वह झुका हुआ है।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-Chandrayaan 2 : NASA to share photos of Vikram landing site before and after its ill fated descent
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: chandrayaan 2, nasa, vikram landing, isro, lunar reconnaissance orbiter, india news, india news in hindi, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news
Khaskhabar.com Facebook Page:

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2024 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved