नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (एनबीईएमएस) के जरिए जम्मू-कश्मीर के 20 जिलों के कई सरकारी अस्पतालों को 265 डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड (डीएनबी) पोस्टग्रेजुएट मेडिकल सीटें प्रदान की हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि सरकार के इस कदम से न केवल जम्मू-कश्मीर के लोग लाभान्वित होंगे, बल्कि जम्मू-कश्मीर के डॉक्टरों को भी अपने क्षेत्र में प्रशिक्षित होने का अवसर मिलेगा। इससे यूटी में एक प्रभावी स्वास्थ्य सेवा संभव हो सकेगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एनबीईएमएस के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक प्रमुख भूमिका निभाई और यह सुनिश्चित किया कि एनबीईएमएस की कई स्नातकोत्तर सीटें जम्मू और कश्मीर के विभिन्न सरकारी अस्पतालों को दी जाएं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने एक ट्वीट में कहा, इस जबरदस्त काम को पूरा करने के लिए मैं टीम एनबीई की सराहना करता हूं।
वर्तमान में विस्तार योजना के पहले चरण में 20 जिलों में 250 से अधिक पीजी सीटें हैं। दूसरे चरण में पीजी की दो और सीटें दी जाएंगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पीजी की 50 प्रतिशत सीटें स्थानीय इन-सर्विस डॉक्टरों के लिए आरक्षित हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इससे जम्मू और कश्मीर के लोग लाभान्वित होंगे, क्योंकि आधुनिक गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा लगभग सभी जिलों में अधिक सस्ती और सुलभ हो जाएगी। इससे स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में और वृद्धि होगी। विभिन्न चिकित्सा प्रवेश परीक्षाओं के लिए भारत सरकार ने यूटी में ही परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ा दी है। इसके कारण जम्मू-कश्मीर के उम्मीदवारों को प्रवेश परीक्षाओं में शामिल होने के लिए दूसरे राज्यों की यात्रा नहीं करनी पड़ेगी।
--आईएएनएस
सहायक आचार्य, पुस्तकालयाध्यक्ष एवं शारीरिक प्रशिक्षण अनुदेशक परीक्षा-2023
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