2-1 के फैसले से विदाई... ये भी पढ़ें - यहां मुस्लिम है देवी मां का पुजारी, मां की अप्रसन्नता पर पानी हो जाता है लाल
दरअसल, बुधवार और गुरुवार शाम तक आलोक
वर्मा के जरिए सीबीआई के अधिकारियों के तबादले से संबंधित लिए गए फैसले से
हलचल मच गई थी। इसके बाद ही कयास लगाए जा रहे थे वर्मा की विदाई तय है।
आखिरकार सेलेक्शन कमेटी ने 2-1 के फैसले से वर्मा की विदाई तय कर दी।
सीवीसी रिपोर्ट भी वर्मा के खिलाफ थी। कमेटी ने भ्रष्टाचार मामलों में दोषी
पाते हुए आलोक वर्मा को हटाने का फैसला किया। आलोक वर्मा को अब फायर
डिपार्टमेंट के डीजी का पद दिया है। इस पूरे मामले में अब यह साफ होता जा
रहा है कि आलोक वर्मा की विदाई के बाद नागेश्वर राव फिर से अंतरिम
डायरेक्टर का पद संभाल सकते हैं।
आलोक वर्मा के तबादले के साथ ही
सीबीआई के नए निदेशक की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। सेलेक्शन
कमेटी की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शामिल नहीं हुए थे। उनकी
जगह सुप्रीम कोर्ट के जज एके सीकरी बैठक में गए थे। बताया जा रहा है कि
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गगोई ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के
पिटिशन पर फैसला दिया था, इसलिए उन्होंने सलेक्ट कमेटी के फैसले में भाग
लेने से मना कर दिया था।
सीबीआई के नए निदेशक की बहाली में अब चीफ
जस्टिस रंजन गगोई की भूमिका महत्वपूर्ण होने जा रही है, क्योंकि वो निदेशक
बहाली को लेकर होने वाले पैनल की बैठक में भाग लेंगे।
वहीं आलोक वर्मा
ने बहाली के साथ ही डायरेक्टर नागेश्वर राव के जरिए लिए गए कुछ फैसले को
बदल दिया। नागेश्वर राव के जरिए बदले गए अधिकारियों को उन्हें पुराने
स्थानों पर लाने का फैसला लिया। नागेश्वर राव ने आते ही वर्मा के खास
अधिकारियों को बदल दिए थे। इसमें सीबीआई के एक प्रमुख अधिकारी आईपीएस अरुण
कुमार शर्मा भी थे। जो गुजरात कैडर के अधिकारी हैं।
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