देश के जाने-माने पत्रकार प्रणय रॉय और एनडीटीवी पर सीबीआई के छापे के
खिलाफ दिल्ली के प्रेस क्लब में शुक्रवार को देश के नामी संपादक-पत्रकार
जुटे और केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला बोला।
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प्रेस क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार
में मंत्री रहे अरूण शौरी ने मोदी सरकार पर तीखे प्रहार किये। अरूण शौरी के
बयान को कोट करते हुए एनडीटीवी की पत्रकार निधि राजदान ने लिखा, जिस किसी
ने भी मीडिया के खिलाफ हाथ उठाने की कोशिश की, उसका हाथ जल गया।
अरूण शौरी
ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें केन्द्रीय मंत्रियों के कार्यक्रमों का
बहिष्कार करना चाहिए, आपको अपने कार्यक्रम में मंत्रियों को नहीं बुलाना
चाहिए।
अरूण शौरी ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार दबाव का इस्तेमाल कर रही है।
उन्होंने अभी एनडीटीवी को उदाहरण बनाया है, आने वाले महीनों में ये दबाव
बढेगा। अरूण शौरी ने कहा कि इस वक्त पत्रकारों के तीन समर्थक है, पहला
हमारी एकजुटता, दूसरा कोर्ट और तीसरा हमारे पाठकों और दर्शकों का विश्वास।
एनडीटीवी के को-फाउंडर प्रणय रॉय ने कहा कि एनडीटीवी के ऊपर लगाये गये सारे
आरोप पूरी तरह से झूठ और मनगढंत है। प्रणय रॉय ने कहा, हालांकि कानून से
ऊपर कोई नहीं है, लेकिन मुझे कहना है कि हमलोग इन सारे झूठे आरोपों का
सामना पारदर्शी तरीके से करेंगे, लेकिन हम सिर्फ ये चाहते हैं कि इस पूरे
मामले की जांच एक समय-सीमा के अंदर हो।
पत्रकारों के इस जमाव़डे में फली नरीमन, एच के दुआ, राजदीप सरदेसाई समेत कई
वरिष्ठ पत्रकार शामिल हुए। बता दें कि 6 जून को सीबीआई ने मीडिया मुगल
प्रणय रॉय के दिल्ली और देहरादून स्थित ठिकानों पर छापा मारा था। सीबीआई ने
इस मामले में प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज
किया है। इन दोनों पर निजी बैंक आईसीआईसीआई को 48 करोड रूपये नुकसान
पहुंचाने का आरोप है। सीबीआई के इस छापे को कई पत्रकारों ने राजनीति से
प्रेरित बताया है।
नरीमन बोले...
जाने-माने संविधान विशेषज्ञ फली एस. नरीमन ने कहा कि अपराध के लिए किसी
पर कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन इस मामले में सीबीआई ने जो कारण बताया
है, उससे उन्हें पूरा विश्वास हो गया है कि यह प्रेस और मीडिया की आजादी पर
हमला है।
उन्होंने कहा कि सीबीआई ने दो जून को एक प्राथमिकी दर्ज
की थी, जिसमें 2008-09 के दौरान घटी किसी घटना को लेकर रॉय, उनकी पत्नी
राधिका, एनडीटीवी, आईसीआईसीआई के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी,
आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।
नरीमन ने कहा, इसे पहले
प्रकाश में क्यों नहीं लाया गया, इसका कहीं कोई जिक्र नहीं है। नरीमन ने
कहा कि सीबीआई ने प्राथमिकी मात्र एक शिकायत पर दर्ज की, न कि किसी छानबीन
या खुलासे के आधार पर। उन्होंने कहा,एफआईआर एक निजी व्यक्ति द्वारा दी गई
सूचना पर ही सिर्फ दर्ज कर दी गई।
उन्होंने
कहा कि सीबीआई ने यह छापा तब मारा, जब चंद दिनों पूर्व भाजपा प्रवक्ता
संबित पात्रा को एनडीटीवी के एक शो से चले जाने को कहा गया था। पात्रा ने
शो के दौरान चैनल पर एक एजेंडे के साथ काम करने का आरोप लगाया था। नरीमन ने
कहा कि शिकायत मिलने के तुरंत बाद सीबीआई ने प्रणय रॉय के खिलाफ आपराधिक
जांच शुरू कर दी। उन्होंने
कहा, शिकायतकर्ता को कहा जाना चाहिए था कि वह किसी फौजदारी अदालत में
शिकायत दर्ज कराए, लेकिन इसके बजाय छापे मारे गए, जो व्यापक तौर पर
प्रकाशित हुआ।
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