नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से कथित छेड़छाड़ के मुद्दे पर निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए उस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रति पक्षपात का आरोप लगाया, साथ ही उन्होंने इस ओर इशारा किया कि ईवीएम बनाने वाली कंपनियां भी मशीनों की ‘छेड़छाड़’ में शामिल हो सकती हैं। ईवीएम की विश्वसनीयता पर अपनी आवाज बुलंद करने वाले आम आदमी पार्टी (आप) नेता केजरीवाल ने कहा कि जब तक लोग ‘ईवीएम पर भाजपा के नियंत्रण’ के खिलाफ उठ खड़े नहीं होते, लोकतंत्र को बचाया नहीं जा सकता।
केजरीवाल ने एनडीटीवी के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘ईवीएम से छेड़छाड़ करने के कई तरीके हैं। मैं आईआईटी से इंजीनियर हूं, मैं आपको 10 तरीके बता सकता हूं कि कैसे ईवीएम से छेड़छाड़ कर सकते हैं। निर्वाचन आयोग इसे जानबूझकर कर रहा है, वे आरोपों से क्यों पल्ला झाड़ रहे हैं। निर्वाचन आयोग भाजपा को जीत दिलाने के सभी प्रयास कर रहा है।’’ केजरीवाल ने कहा, ‘‘दो अलग-अलग कंपनियों द्वारा बनाई गई चिप्स को एक बग या ट्रोजन हार्स (एक वायरस/यह एक कंप्यूटर को हैक करने वाले मैलेशियस कंप्यूटर प्रोगाम के इस्तेमाल से) के जरिए चिप्स में डाला जा सकता है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि सूचना का अधिकार के तहत एक जवाब में निर्वाचन आयोग ने कहा है कि उसके पास यह क्षमता नहीं है कि वह ईवीएम की चिप में पड़े कोड को पढ़ सके।
निर्वाचन आयोग की तुलना महाभारत के धृतराष्ट्र से
निर्वाचन आयोग की तुलना महाभारत के धृतराष्ट्र से करते हुए केजरीवाल ने आयोग को ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों पर अपने निष्कर्ष को सार्वजनिक करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा, ‘‘देश में जहां कहीं भी ईवीएम में खराबी आती है, केवल एक ही दिक्कत पेश आती है-आप चाहे जो बटन दबाओ वोट भाजपा को ही जाएगा। और हर बार आयोग यही कहता है कि ईवीएम के साथ कोई दिक्कत नहीं है।’’
सच्चाई क्यों छिपा रहा है चुनाव आयोग
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