अधिकारियों ने आधिकारिक दस्तावेज तथा शुरूआती जांच में प्राप्त तथ्यों का
हवाला देते हुए कहा कि करीब 500 इकाइयों (सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध) की
जांच की जा रही है लेकिन उनमें से कुछ के नाम अभी सार्वजनिक नहीं किये गये
हैं। इसका कारण मामले की संवेनशीलता और जांच प्रक्रिया को प्रभावित नहीं
करना है। बड़ी संख्या में जिन कंपनियों ने मुखौटा कंपनियों के रूप में काम
किया, वे जमीन-जायदाद, जिंस और शेयर ब्रोकिंग, फिल्म और टेलीविजन,
प्लांटेंशन और गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं से संबद्ध इकाइयों से जुड़ी हैं।
संदिग्ध कंपनियों से इन संपर्कों और सभी संदिग्ध लेन-देन के बारे में
बताने को कहा गया है। ये भी पढ़ें - यहां परियों सी खूबसूरती के साथ नजर आती है बहादुरी
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