गुरुवार को भी अमित शाह ने मीटिंग की और गुजरात में 150 से ज्यादा सीटों पर
जीत हासिल करने की रणनीति पर चर्चा की। इस मीटिंग में केंद्रीय मंत्री
अरुण जेटली, नरेंद्र सिंह तोमर, निर्मला सीतारमण, जितेंद्र सिंह, पी.पी.
चौधरी, भाजपा महासचिव राम लाल व भूपेंद्र यादव तथा गुजरात भाजपा प्रमुख
जीतू वाघानी ने हिस्सा लिया। जेटली को बीते सप्ताह गुजरात का चुनाव प्रभारी
बनाया गया, जबकि उनका सहयोग करने के लिए सीतारमण व चौधरी को सह प्रभारी
बनाया गया। गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 2018 में समाप्त होगा और गुजरात
में इस साल के अंत में या अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने की उम्मीद है। ये भी पढ़ें - साध्वी के गुमनाम खत के कारण यूं कानून के शिकंजे में फंसा डेरा प्रमुख राम रहीम
नरेंद्र
मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह गुजरात में पहला विधानसभा चुनाव
होगा। मोदी के इस्तीफे के बाद आनंदीबेन पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री
बनाया गया था। आनंदीबेन के शासन के दौरान गुजरात में हार्दिक पटेल का उदय
हुआ। हार्दिक पटेल ने पाटीदार समुदाय के आरक्षण को लेकर भारी जन आंदोलन
किया। इसके बाद भाजपा ने मुख्यमंत्री को बदलने का फैसला किया और आनंदीबेन
पटेल की जगह बीते साल अगस्त में विजय रूपानी को मुख्यमंत्री और नीतिन पटेल
को उप मुख्यमंत्री बनाया गया। शाह ने कई मौकों पर कहा है कि भाजपा अगला
विधानसभा चुनाव रूपानी के नेतृत्व में लड़ेगी।
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