कानपुर। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की ऐसी लहर आई कि कानपुर में 26 वर्ष पहले का इतिहास दोहरा दिया। जिससे भगवाधारी दो दिन पहले ही फगुवा खेलने में मस्त हो गये। लेकिन कानपुर का हीर हारने को भी नहीं पचा पा रही है। पदाधिकारियों का कहना है कि इस पर गहनता से कारणों को ढूढ़ां जाएगा और आगे के लिए सबक लिया जाएगा। [ अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
भारतीय जनता पार्टी का कानपुर में पहली बार गोविन्दनगर से 28 साल पहले खाता
खुला। जिसके बाद 1991 में राम मंदिर की लहर चली और यहां से 10 में सात सीटें
जीत विपक्षियों को सोचने को मजबूर कर दिया। लेकिन ज्यों-ज्यों आगे चुनाव होते
गये त्यो-त्यों पार्टी का ग्राफ घटता गया। लेकिन सपा व बसपा की लहर के बाद भी
कभी तीन सीटें से कम जीत नहीं की। पिछली बार भी चार सीटें जीतने में सफल रही।
अब 26 साल बाद एक बार फिर प्रदेश के साथ कानपुर में सात सीटें अपने कब्जे में
कर अपना ही इतिहास दोहरा दिया। लेकिन कानपुर की हीर कही जाने वाली आर्यनगर,
कैंट व सीसामऊ सीट पर गठबंधन भारी पड़ गया। बताते चलें कि यह ऐसी सीटें थी जहां
पर भाजपा का गढ़ माना जाता है और वर्तमान में भी यहां से दो विधायक हैं। दूसरी
बात यह है कि इन्ही विधानसभा सीटों के क्षेत्र में कानपुर का प्रशासनिक से
लेकर सभी महत्वपूर्ण विभाग आतें है। इसके अलावा यह क्षेत्र शहर का पॉश इलाका
है। इन सीटों पर पार्टी की पराजय को देख जिम्मेदार पदाधिकारियों के चेहरे खुशी
से चमक तो रहें है पर माथे का बल साफ दिखाई दे रहा है। जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र
मैथानी ने बताया कि इन सीटों पर कैसे हार हुई इसको लेकर जल्द ही बैठक की
जाएगी। जिसमें उन सभी कारणों को ढूंढ़ा जाएगा जिनके कारण ऐसी महत्वपूर्ण सीटों
पर हार का सामना करना पड़ा। जब पूछा गया कि दोषी लोगों पर कार्रवाई होगी तो
हंसते हुए कहा कि चुनाव में हार जीत होती रहती है। अब तो प्रदेश में कमल खिल
गया है पर आगे के सबक के लिए हार के कारणों का मंथन गहनता से किया जाएगा।
विनर व रनर अप प्रत्याशी
कल्याणपुर सीट
भाजपा प्रत्याशी- नीलिमा कटियार (86620)
सपा प्रत्याशी- सतीश निगम (63278)
बसपा प्रत्याशी- दीपू सागर निषाद (25706)
बिल्हौर सीट
भाजपा प्रत्याशी- भगवती शरण सागर (102326)
सपा प्रत्याशी- शिवकुमार बेरिया (71160)
बसपा प्रत्याशी- कमलेश दिवाकर (60023)
बिठूर सीट
भाजपा प्रत्याशी- अभिजीत सिंह सांगा (113289)
सपा प्रत्याशी- मुनीन्द्र शुक्ला (54302)
बसपा प्रत्याशी- डा. राम प्रकाश कुशवाहा (53586)
सीसामऊ सीट
सपा प्रत्याशी- इरफान सोलंकी (73030)
भाजपा प्रत्याशी- सुरेश अवस्थी (67204)
बसपा प्रत्याशी- नंदलाल सोनकर (11949)
आर्य नगर सीट
सपा प्रत्याशी- अमिताभ बाजपेयी (70993)
भाजपा प्रत्याशी- सलिल विश्नोई (65270)
बसपा प्रत्याशी- अब्दुल हसीब (6061)
कैंट सीट
कांग्रेस प्रत्याशी- सुहैल अंसारी (81169)
भाजपा प्रत्याशी- रघुनंदन सिंह भदौरिया (71805)
बसपा प्रत्याशी- डा. नसीम अहमद (14079)
महाराजपुर सीट
भाजपा प्रत्याशी- सतीश महाना (124172)
बसपा प्रत्याशी- मनोज शुक्ला (36447)
सपा प्रत्याशी- अरूणा तोमर (33738)
घाटमपुर सीट
भाजपा प्रत्याशी- कमला रानी (92776)
बसपा प्रत्याशी- सरोज कुरील (47598)
कांग्रेस प्रत्याशी- नंदराम सोनकर (40465)
किदवई नगर सीट
भाजपा प्रत्याशी- महेश चन्द्र त्रिवेदी (111407)
कांग्रेस प्रत्याशी- अजय कपूर (77424)
बसपा प्रत्याशी- संदीप शर्मा (13273)
गोविन्द नगर सीट
भाजपा प्रत्याशी- सत्यदेव पचौरी (112029)
कांग्रेस प्रत्याशी- अम्बुज शुक्ला (40520)
बसपा प्रत्याशी- निर्मल तिवारी (28795)
लड़ाई में नहीं दिखी बसपा
प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी का लगभग सूपड़ा साफ हो गया। तो वहीं कानपुर जनपद
की 10 विधानसभा सीटों पर कहीं पर भी लड़ाई में नहीं दिखी। दो सीटों पर जरूर
दूसरे स्थान पर कामयाब रही, पर हार का अंतर इतना अधिक रहा कि यह कहा जा सकता
है जनपद का मतदाता पार्टी को पूरी तरह से नकार दिया है।
पांच सीटों पर गठबंधन रहा रनरअप
जनपद की तीन सीटों पर ही कांग्रेस सपा गठबंधन जीत सका और पांच सीटों पर दूसरे
स्थान पर रहा। लेकिन जिन जगहों पर गठबंधन दूसरे स्थान पर रहा वहां भी हार का
अंतराल बहुत अधिक रहा। जिससे गठबंधन के नेता एक-दूसरे पर अभी से
आरोप-प्रत्यारोप लगाना शुरू कर दिया।
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