नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शुक्रवार को यह खुलासा किया कि देश में बढ़ती असहिष्णुता को लेकर विवादों के बीच उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निजी तौर पर कहा था कि संप्रदाय के आधार पर भारत का विभाजन नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि भारत को यह बात ध्यान में रखना चाहिए कि यहां मुसलमान अपनी पहचान एक भारतीय के रूप में कर सकें। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ओबामा ने कहा, ‘‘खासतौर से भारत जैसे देश में जहां विशाल मुस्लिम आबादी है और जो सफल है, समाज का अविभाज्य अंग है तथा अपने आपको भारतीय मानता है, दुर्भाग्य से ऐसा अन्य देशों में नहीं है जहां अल्पसंख्यक धार्मिक समुदाय को ऐसी अनुभूति होती हो। मुझे लगता है कि यह ऐसा कुछ है जिसका ध्यान रखा जाना चाहिए, उसे संपोषित व विकसित करने की जरूरत है।’’
हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशीप सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भारत के सभी दूरदर्शी नेतृत्व को इसे स्वीकार करना चाहिए लेकिन अहम बात यह है इसे जारी रखना चाहिए और इस धारणा को मजबूती प्रदान करना चाहिए।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में इस साल अपने कार्यकाल की समाप्ति के बाद भारत के अपने पहले दौरे पर यहां आए ओबामा ने 27 जनवरी 2015 में सीरी फोर्ट सभागार में दिए अपने भाषण को याद किया जिसमें उन्होंने ‘संप्रदायिक आधार पर विभाजन’ को लेकर सतर्क किया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह संदेश मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार के लिए था, ओबामा ने कहा, ‘‘संदेश ‘हमसब’ के लिए था और यही बात निजी तौर पर प्रधानमंत्री मोदी से कही गई थी।’’
यह पूछे जाने पर कि मोदी ने सांप्रदायिक सहिष्णुता खासतौर से पश्चिमी मीडिया द्वारा उठाए गए गौरक्षा के नाम पर पीट-पीट कर लोगों की हत्या करना और लव जिहाद जैसे मामलों पर क्या जवाब दिया। ओबामा ने इसका जवाब टालते हुए कहा कि अन्य नेताओं के साथ होनेवाली निजी बातचीत का खुलासा करना उनका मसकद नहीं है।
लेकिन, उन्होंने यह जरूर कहा कि ‘मोदी भारत की एकता के महत्व को समझते हैं और आनेवाले समय में राष्ट्र को महान दर्जा दिलाने के लिए इसकी जरूरत है।’
उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोप में लोग असुरक्षा को लेकर चिंतित है। उनकी चिंता के कुछ कारण आर्थिक हैं लेकिन कुछ सांस्कृतिक और सामाजिक हैं। ‘‘प्रवास को लेकर जनसांख्यिकी संबंधी बदलाव देखे जा रहे हैं। संस्कृतियों के बीच टकराव हो रहे हैं। लोगों में भेदभाव साफतौर पर देखा जा रहा है।’’
परस्पर बातचीत के सत्र में दर्शकों ने खूब तालियां बजाई और हास-परिहास का दौरा जारी रहा। दर्शकों में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल थे। ओबामा ने कहा कि मानव स्वभाव से ही भेदभाव करने की कोशिश करता है ताकि वह दूसरों से ज्यादा महत्वपूर्ण महसूस करे।
उन्होंने कहा, और यह भेदभाव ‘‘कई बार नस्ल, धर्म, वर्ग के आधार पर होता है और हमेशा लिंग के आधार पर होता है।’’
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