नई दिल्ली। मालेगांव बम विस्फोट मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जमानत पर रिहा किए गए लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित को एक सैन्य इकाई से संबद्ध किया जाएगा, हालांकि वह निलंबित ही रहेंगे। विश्वस्त सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को नौ वर्षो से जेल में बंद पुरोहित को जमानत दे दी। 2008 में हुए मालेगांव बम विस्फोट में सात लोगों की मौत हो गई थी। पुरोहित गिरफ्तार किए जाने के बाद 20 जनवरी, 2009 से निलंबित चल रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सूत्रों ने बताया कि वह आगे भी निलंबित ही रहेंगे, लेकिन चूंकि उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया गया है, तो उन्हें सेना की एक इकाई से संबद्ध किया जाएगा। वह उसी पद पर सेना की इस इकाई से जुड़ेंगे, जिस पद पर वह गिरफ्तारी के समय थे। सूत्रों ने बताया कि इसके बाद उनके निलंबन की समीक्षा की जाएगी। निलंबन के दौरान पुरोहित मुक्त गिरफ्तार व्यक्ति की तरह रहेंगे, जिसके तहत सैनिक को सिर्फ अपनी वर्दी पहनने की इजाजत होती है। निलंबन के दौरान पुरोहित आम वों में भी रह सकते हैं।
सैन्य इकाई में रहते हुए उन पर कुछ प्रतिबंध भी होंगे, जैसे उन्हें एक सीमित क्षेत्र तक घूमने-फिरने की आजादी होगी और बिना पूर्व इजाजत के शहर छोडऩा मना होगा और उन्हें प्रतिदिन हाजिरी देनी होगी। उन्हें किसी सार्वजनिक समारोह या कार्यक्रम में हिस्सा लेने की भी इजाजत नहीं होगी।
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