नई दिल्ली। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में
बिना शर्त माफी मांग ली है। लेकिन कोर्ट ने अभी माफी नहीं दी और 17 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी. कोर्ट ने 17 अप्रैल को अनुराग ठाकुर की पेशी से छूट दी। सुप्रीम कोर्ट ठाकुर के खिलाफ अवमानना के मामले में अगली सुनवाई 17 अप्रैल
को करेगा। ठाकुर ने याचिका दाखिल कर उस दिन निजी तौर पर पेशी की छूट मांगी
थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
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गत तीन जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग ठाकुर
और सचिव अजय शिर्के को उनके पदों से हटा दिया था और कहा था कि उन्हें
तुरंत प्रभाव से बोर्ड का कामकाज करना बंद कर देना चाहिए।
बता दें,सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिसंबर 2016 को ठाकुर के खिलाफ अवमानना और
झूठी गवाही के मामले में कार्रवाई की धमकी दी थी। ठाकुर ने आईसीसी सीईओ से
पत्र की मांग की थी लेकिन बाद में इससे इनकार कर दिया था।
न्यायालय ने कहा
था कि दोषी पाये जाने पर वह जेल भी जा सकते हैं।
अदालत ने बीसीसीआई प्रमुख को याद दिलाया कि ठाकुर ने बतौर बोर्ड अध्यक्ष
आईसीसी सीईओ से यह पत्र मांगा था कि क्रिकेट संगठन में कैग के मनोनीत सदस्य
की नियुक्ति स्वायत्तता से समझौता होगी और यह सरकारी हस्तक्षेप जैसा होगा।
चीफ जस्टिस की पीठ ने अदालत को गुमराह करने का प्रयास करने के लिए
बीसीसीआई की खिंचाई की और ठाकुर को चेताया कि अगर शीर्ष अदालत झूठी गवाही
की कार्यवाही के संबंध में अपना आदेश सुनाती है तो उन्हें जेल जाना पड सकता
है।
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