इटानगर। क्षेत्र में खराब मौसम की वजह से 3 जून को विमान एएन-32 के दुर्घटनाग्रस्त होने में मारे गए 13 लोगों में से आखिरी छह के शव निकालने के अभियान में बाधा उत्पन्न हो रही है। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने शनिवार को यह जानकारी दी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विमान के मलबे से गुरुवार को सात शवों को ढूंढ निकाला गया था। आईएएफ ने बताया कि चीता और एएलएच हेलीकॉप्टर को स्टैंड-बाई मोड में रखा गया है, ताकि जैसे ही मौसम में सुधार आए, ऑपरेशन को दोबारा शुरू किया जा सके।
विंग कमांडर पुनीत चड्ढा ने बयान दिया, "वर्तमान में क्षेत्र में बारिश के साथ हल्के बादल छाए हैं। आईएएफ अपना हरसंभव प्रयास कर रहा है कि वायु-योद्धाओं के शव को ढूंढा जा सके। आईएएफ कार्मिक लगातार उन योद्धाओं के परिजनों से जुड़े हुए हैं और उन्हें परिस्थिति से भी अवगत कराया जा रहा है। उन्हें मौसम की वजह से हो रही परेशानियों के बारे में भी बताया जा रहा है।"
शुक्रवार को खोजी दल ने अरुणाचल प्रदेश में क्षतिग्रस्त हुए एयरक्राफ्ट का कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (एफडीआर) बरामद किया था।
वायुसेना और थलसेना के 16 पर्वतारोहियों का एक दल व पांच आम पर्वतारोही लगभग 12,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित पश्चिम सियांग जिले के तातो के उत्तर में लिपो से करीब 16 किलोमीटर दूर दुर्घटनास्थल की तलाशी ले रहे हैं।
3 जून को एएन-32 ने जोरहाट एयरबेस से चीन की सीमा से सटे अरुणाचल के शि-योमी जिले में मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन 35 मिनट के भीतर ही उनका ग्राउंड एजेंसियों से संपर्क टूट गया।
एयरक्राफ्ट के गायब होने के बाद आईएएफ शिलांग के ईस्टर्न एयर कमांड मुख्यालय के मार्गदर्शन में व्यापक तलाशी अभियान चला रहा है।
(आईएएनएस)
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