इस विधेयक का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए
10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले अध्यादेश की जगह लेना है। इससे
जम्मू-कश्मीर में आर्थिक रूप से कमजोर किसी भी धर्म या जाति के युवा को
राज्य सरकार की नौकरियां प्राप्त करना आसान हो जाएगा।
बता दें,
लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करते समय शाह ने संविधान के अनुच्छेद 370 को
रद्द करने की बात कही थी। साथ ही अपने चुनावी घोषणा पत्र में बीजेपी ने
अनुच्छेद 35ए को खत्म करने के अपने इरादे को भी दोहराया था।
गौरतलब
है कि 17 जून से शुरू हुआ संसद सत्र 26 जुलाई तक चलेगा जिसमें सरकरा कई बिल
पेश कर सकती है। वहीं 5 जुलाई को सरकार की तरफ से बजट पेश किया जाएगा।
इससे पहले आर्थिक सर्वेक्षण संसद में चार जुलाई को पेश किया जाएगा।
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