नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लश्कर-ए-तैयबा से जम्मू एवं कश्मीर में विनाशक गतिविधियों के लिए कथित तौर पर रकम प्राप्त करने के मामले में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और कुछ अन्य हुर्रियत नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। लेकिन, केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद अलगाववादी संगठन आग बबूला हो गया है। हुर्रियत (गिलानी धड़े) के प्रवक्ता अयाज अकबर ने लश्कर-ए-तैयबा से संबंध की बात खारिज कर दी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा, एजेंसी (एनाआईए) पहले भी मोहम्मद अशरफ शेहराय और सैयद अली शाह गिलानी के दामाद समेत पार्टी पदाधिकारियों को प्रताडि़त कर उनसे पूछताछ कर चुकी है, लेकिन उसके हाथ कुछ नहीं लगा। हम पर दबाव बनाने के लिए जानबूझकर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं क्योंकि कश्मीर में जारी संघर्षों पर काबू पाने में अथॉरिटीज कामयाब नहीं हो पा रही हैं।
इधर, एक अन्य अलगाववादी संगठन जेकेएलएफ के चीफ यासीन मलिक ने कहा, वो (एजेंसियां) यह साबित करने की कोशिश में जुटी हैं कि हम पाकिस्तान से फंडिंग लेते हैं। मलिक ने पिछले साल हुर्रियत जॉइन कर ली। उन्होंने कहा कि वो (एजेंसियां) कई बार ऐसा करने का प्रयास कर चुकी हैं, लेकिन मुझे (मलिक को) राजनीतिक तौर पर भ्रष्ट साबित करने में नाकामयाब रहे हैं।
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