अभिषेक मिश्रा,लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की करारी हार के कारण मुख्यमंत्री का पद गंवाने वाले अखिलेश यादव अब विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष बन सकते हैं। सौ सदस्यों वाली परिषद में सपा के 67 सदस्य हैं। ऐसे में सदन में नेता विपक्ष की कुर्सी सपा को ही मिलेगी।परिषद में सपा सदस्यों की संख्या ज्यादा रहने के कारण अभी तक नेता सदन अहमद हसन थे। मुख्य विपक्षी दल के कारण सपा के अहमद हसन ही नेता विपक्ष हो सकते हैं मगर जानकारों का कहना है कि चूंकि अखिलेश परिषद के सदस्य हैं। ऐसे में वे सदन में सामान्य सदस्य के रूप में मौजूद रहें यह उचित नहीं होगा। सपा सूत्रों के अनुसार अखिलेश अब परिषद में पार्टी की लीडरशिप को बदलेंगे। ऐसे में वह स्वयं ही परिषद में नेता विपक्ष की भूमिका निभाएंगे। उनका परिषद में कार्यकाल 2018 तक है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यदि परिषद में नेता प्रतिपक्ष बनते हैं, तो फिर विधानसभा में नेता विपक्ष का पद पार्टी अल्पसंख्यक वर्ग को साधने के लिए आजम खां को दे सकती है। आजम आठवीं बार विधायक निर्वाचित हुए हैं।
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