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कोविड की तीसरी लहर के बाद कमर्शियल रियल्टी सेक्टर में आई नई जान

After the third wave of Covid, new life came in the commercial realty sector - India News in Hindi

नई दिल्ली । कोविड-19 महामारी के कारण एक विनाशकारी झटके के बाद, रियल एस्टेट क्षेत्र फिर से सक्रिय हो गया है, खासकर कमर्शियल रियल्टी सेक्टर में नई जान आ गई है। स्वास्थ्य संकट के मद्देनजर मार्च 2020 में बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने अपने घरों से काम करना शुरू कर दिया था, जिससे कमर्शियल रियल्टी को बड़ा झटका लगा था।
बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान के बाद अर्थव्यवस्था के फिर से खुलने के साथ, कई कर्मचारी अब अपने कार्यालयों में लौट रहे हैं। इसके अलावा, नए ऑफिस स्पेस की भी मांग उभर कर आई है।
गेरा डेवलपमेंट्स के प्रबंध निदेशक रोहित गेरा ने आईएएनएस से कहा, "हम कामकाजी आबादी को पूर्व-कोविड व्यवहार में वापस देख रहे हैं, जिसमें ज्यादातर कंपनियां कर्मचारियों को फीजिकल रूप से काम करने के लिए रिपोर्ट करने के लिए कह रही हैं। कुछ कंपनियों ने एक हाइब्रिड मॉडल अपनाया है, और कुछ अब पूरी तरह से फीजिकल हैं।"
पुणे स्थित मंत्रा प्रॉपर्टीज के सीईओ रोहित गुप्ता ने कहा, "हमने पुणे के वाणिज्यिक बाजार में काफी कुछ देखा है। हमने अपने ब्रांड एमबीसी मंत्रा बिजनेस सेंटर के साथ शुरूआत की, जहां हमने बुटीक, क्लासिक बुटीक सहित दो से तीन लाख वर्ग फुट कार्यालयों तक कई परियोजनाएं शुरू कीं। पुणे में यह सामान्य प्रवृत्ति है, जहां बहुराष्ट्रीय कंपनियां आबादी के बड़े हिस्से को अवशोषित कर रही हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियां इन विशाल संरचनाओं का उपभोग करने वाली होंगी।"
चूंकि कर्मचारी और नियोक्ता इतने लंबे अंतराल के बाद कार्यालय जा रहे हैं, इसलिए ऑफिस स्पेस की मांग बढ़ेगी।
काउंटी ग्रुप के निदेशक और भारत के रियल एस्टेट डेवलपर्स संघों का परिसंघ (डब्ल्यू-यूपी) के अध्यक्ष अमित मोदी ने कहा, "दुनिया के खुलने के साथ, कमर्शियल रियल्टी स्पेस में निवेशकों की संख्या के साथ-साथ उपभोक्ता के मूवमेंट, दोनों मामले में बहुत सारी एक्टीवीटी देखने को मिल रही है।"
उन्होंने कहा कि रिटेल और डाइनिंग में भी बड़े पैमाने पर वापसी हुई है।
कार्यालय बाजार में सुधार के परिणामस्वरूप, वर्ष 2022 में हैदराबाद, बेंगलुरु और दिल्ली जैसे शहरों में मजबूत आपूर्ति और मांग की स्थिति देखने को मिल सकती है।
नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (एनएआरईडीसीओ) के अध्यक्ष राजन बंदेलकर ने कहा, "नौकरी बाजार में सुधार पहले से ही ऑफिस स्पेस की मांग पैदा कर रहा है। इसका मतलब है कि अक्यूपायर और कंपनियां फिर से नई, रिकैलिब्रेटेड हाइब्रिड वर्क पॉलिसी के अनुसार जगह ले रही हैं।"
एनएआरईडीसीओ केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तत्वावधान में स्वायत्त स्व-नियामक निकाय है।
रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा ने कहा, "महामारी के समय से रियल एस्टेट क्षेत्र ने शानदार लचीलापन दिखाया है। आरबीआई की नीतिगत दरों में बढ़ोतरी की संभावना से बाजार की धारणा प्रभावित हो सकती है।"
उन्होंने कहा, हालांकि, बढ़ी हुई वृद्धि के बीच इसका काफी प्रभाव होने की संभावना नहीं है क्योंकि हाल ही में बिकने वाले मजबूत आंकड़े और विभिन्न रियल एस्टेट निवेश वर्गों की बढ़ती मांग बाजार की प्रवृत्ति को बयां करती है।
प्रदीप अग्रवाल, संस्थापक और अध्यक्ष, सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) और चेयरमैन - एसोचैम नेशनल काउंसिल ऑन रियल एस्टेट, हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट के अनुसार, "वैश्विक अस्थिर वातावरण कीमतों में बढ़ोतरी का कारण बन रहा है जो कच्चे तेल से लेकर हर उत्पाद के सबसे निचले सिरे तक है। रियल एस्टेट पिछले कुछ महीनों में एक ही लहर का अनुभव कर रहा है, क्योंकि संपत्ति के निर्माण के लिए कच्चे माल की महंगाई आवास की कीमत को बढ़ाने के लिए बाध्य है।"
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि सरकार महंगाई के बढ़ते आंकड़ों पर लगाम लगाने के लिए कुछ सुधारात्मक नीतिगत कदम उठाएगी।
--आईएएनएस

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Web Title-After the third wave of Covid, new life came in the commercial realty sector
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