नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से वध के लिए जानवरों की खरीद-फरोख्त पर
लगाई गई रोक के फैसले को लेकर केरल सहित कई राज्य विरोध कर रहे हैं और इसे
मानने से इनकार कर दिया है। अब पश्चिम बंगाल की ममता सरकार की ओर से भी इस
नियम को चुनौती दी गई है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के नए कानून को
चुनौती दी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसबीच केरल सहित कुछ राज्यों के कड़े विरोध के मद्देनजर केंद्र सरकार पशु बाजारों
में कत्ल के लिए जानवरों की खरीद-फरोख्त पर लगाई गई रोक पर कथित तौर पर
विचार कर सकती है।
एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि संभावना है कि सरकार न काटे जाने वाले
पशुओं की सूची से भैंस को बाहर कर सकती है। केंद्रीय पर्यावरण
मंत्रालय के सचिव एएन झा ने कहा, हमें जानवरों की सूची को
लेकर अभिवेदन (रिप्रेजेंटेशन) मिला है। हम इसपर काम कर रहे हैं। उल्लेखनीय
है कि कत्ल करने के लिए जिन जानवरों की बाजारों में खरीद-फरोख्त नहीं की
जा सकती, उनमें गाय, सांड, भैंस, बछिया, बछड़ा तथा ऊंट शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोलकाता में एक प्रेस
कॉन्फ्रेंस के दौरान ममता बनर्जी केंद्र सरकार के इस कदम को असंवैधानिक
करार दिया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल इसे नहीं मानेगा और न ही वह
इसके लिए बाध्य है। यह मोदी सरकार द्वारा देश के संघीय ढांचे को हतोत्साहित
करने और नष्ट करने के लिए उठाया गया कदम है।
ममता के मुताबिक केंद्र ने राज्यों पर अनावश्यक रूप से इसे लगाया है। वह
संवैधानिक तरीके से इसके खिलाफ कानूनी लडाई लडेंगी।
पश्चिम बंगाल की
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान के मुताबिक कानून स्पष्ट है और सातवीं
अनुसूची के सूची 2 के संबंध में केंद्र को राज्यों के लिए नियमों को
निर्धारित करने का कोई अधिकार नहीं है।
बता दें, पर्यावरण और वन मंत्रालय ने 26 मई को वध के लिये पशु बाजारों में
मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया है। पर्यावरण मंत्रालय ने
पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम के तहत सख्त पशु क्रूरता निरोधक (पशुधन बाजार
नियमन) नियम, 2017 को अधिसूचित किया है।
केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया नियम अगले तीन महीने में लागू होने हैं।
मोदी सरकार के इस कानून को लेकर केरल में विरोध किया गया है। केरल सरकार ने
इस नियम को मानने से इनकार कर दिया है। केरल सरकार का कहना है कि केंद्र
से इस फैसले से चमडा व्यापार सर्वाधिक प्रभावित होगा।
1 लाख करोड रूपए का मांस कारोबार...
देशभर में हर साल करीब 1 लाख करोड रूपए का मांस कारोबार होता है, साल
2016-17 में 26,303 करोड रूपए का निर्यात हुआ। उत्क्तर प्रदेश मांस निर्यात
के मामले में सबसे ऊपर, उसके बाद आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना
का नंबर आता है। ज्यादातर राज्यों में साप्ताहिक पशु बाजार लगते हैं और
उनमें से कई राज्य पडोसी राज्यों से लगी सीमा पर पशु-मेले आयोजित करते हैं
ताकि व्यापार फैलाया जा सके।
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