इसके अलावा अगले दो-तीन साल में एक अन्य
अंतरग्रहीय मिशन शुक्र पर जाने का है। आदित्य एल-1 अतिरिक्त प्रयोगों के
साथ सूर्य के बाह्यमंडल, वर्णमंडल और परिमंडल का निरीक्षण उपलबध करा सकता
है।
इसरो ने कहा कि इसके अलावा पार्टिकल पेलोड सूर्य से उठते कण
प्रवाह का अध्ययन करेंगे। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इन पेलोड को धरती के
चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव से बाहर स्थापित किया जाएगा और ये धरती की निचली
कक्षा में उपयोगी नहीं हो सकते। भारत ने सोमवार को अपने दूसरे चंद्र मिशन
चंद्रयान-2 का श्रीहरिकोटा से सफल प्रक्षेपण किया।
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