नई दिल्ली। कहना गलत नहीं
होगा कि अविवाहित होना राजनेताओं के लिए अतिरिक्त गुण माना जाने लगा है।
भारत की राजनीति में कुंवारे मुख्यमंत्रियों के समूह में नवीनतम
एंट्री योगी आदित्यनाथ की है। योगी (44)रविवार को देश के सबसे बडी आबादी
वाले राज्य यूपी के सीएम बने हैं जो गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं व अब तक
अविवाहित हैं।
इसी के साथ जान लें, उत्तराखंड के सीएम बने 56 वर्षीय त्रिवेंद्र सिंह रावत
भी कुंवारे हैं। इससे पहले हरियाणा के सीएम बने मनोहर लाल खट्टर (62), असम
के सीएम बने सर्बानंद सोनोवाल (54) व ओडिशा में साल 2000 से सीएम पद पर
बैठे नवीन पटनायक भी कुंवारे हैं। पटनायक तो अपनी सभाओं में कहते रहे हैं
कि वह कुंवारे हैं इसलिए उनकी सरकार में परिवारवाद का कोई झगडा ही पैदा
नहीं हो सकता।
कट्टर हिंदुत्व के लिए जाने गए योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के पहले
कुंवारे सीएम हैं। नवीन पटनायक व बंगाल की 62 वर्षीय सीएम ममता बनर्जी को
छोडें तो यह संयोग ही है कि शेष सभी कुंवारे सीएम भाजपा से हैं। त्रिवेंद्र
रावत,जिन्होंने शनिवार को सीएम पद की शपथ ली थी व हरियाणा के सीएम खट्टर
आरएसएस के प्रचारक रह चुके हैं।
तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी फायरब्रांड नेता के तौर पर मशहूर हैं
जिन्होंने बंगाल में वाम मोर्चे की बरसों से जमी सरकार को उखाडा। वह कहती
हैं कि उनके लिए खुद के परिवार की कोई चिंता नहीं है, पूरा राज्य ही उनका
परिवार है जिसकी उन्हें चिंता रहती है।
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