रुपनगर। एक नाबालिग लड़की ने अपनी सौतेली मां पर उससे जबरन जिस्मफरोशी कराने का आरोप लगाया है। नाबालिगा पीड़िता ने किसी तरह अपनी मां के चुंगल से आजाद होकर अपने पिता की मदद से पुलिस को शिकायत की, मगर पुलिस ने 1 महीने गुजर जाने के बाद भी पीड़िता की एफआईआर दर्ज नहीं की। आखिर पीड़ित ने इंसाफ लेने के लिए जब मीडिया और जिला कानूनी अथॉरिटी रुपनगर सीजीएम का सहारा लिया तब पुलिस ने 2 मार्च 2017 को देर श्याम मां समेत 9 व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज करके कार्रवाई शुरू की। [ आज भी याद दिलाता है अकबरी शान को तख्ते अकबरी] [ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
जिस मां को इस दुनिया में भगवान के समान का दर्जा दिया जाता है वही मां अपने पैसे की भूख मिटाने के लिए अपनी ही बेटी को जबरन जिस्मफरोशी के धंधे में डाल सकती है। यह सोच कर दिल कांप उठता है। यह किसी फिल्म की स्टोरी नहीं , बल्कि सच है। मां और बेटी के रिश्ते को तार-तार करने वाली एक ऐसी सौतेली मां के घिनौने चेहरे से पर्दा उठाया है 17 साल की बेटी ने।
अपनी मां के जुल्मों का शिकार नाबालिका पीड़िता ने बताया कि मां और बाप की आपस में नहीं बनती थी, जिसकी वजह से वे दोनों अलग-अलग रहते थे। वह जिला फतेहगढ़ के गांव ब्राह्मण माजरा में अपनी मां कुलदीप कौर के पास रहती थी। मगर उसकी मां और मासिया घर में ही जिस्मफरोशी का धंधा चला रही थी। जब पीड़िता ने अपनी मां को गलत धंधा करने से रोका तो मां ने जबरन उसको भी इस गलत धंधे में धकेल दिया। उसने बताया कि उसकी मां अलग-अलग लोगों से पैसे लेकर उसको अनजान व्यक्तियों के साथ एक कमरे में बंद कर देती थी। जब उसने इसका विरोध किया तो उसके साथ पिटाई भी की जाती और उसको घर में ही बंदी बनाकर रखा जाता था।
पीड़िता के अनुसार, वह 22 जनवरी 2017 को किसी तरह अपनी मां के चुंगल से आजाद होकर अपने पिता के पास जिला रोपड़ के गांव खवासपुरा आ गई और अपने पिता की सहायता के साथ 25 जनवरी 2017 को अपनी मां और बाकी लोगों के खिलाफ शिकायत देते हुए इंसाफ की गुहार लगाई। इसके बाद DSP ( D) दीप कमल के दफ्तर में पीड़ित के बयान दर्ज किए गए , मगर एक महीना बीत जाने के बाद भी जब रूपनगर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, तब पीड़ित परिवार ने मीडिया और जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी रुपनगर का सहारा लिया और आखिरकार पुलिस ने 2 मार्च 2017 को देर शाम सौतेली मां समेत 9 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। पीड़िता ने DSP ( D ) पर मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और शिकायत वापस लेने का दबाव डालने के भी गंभीर दोष लगाए। पीड़िता के पिता ने बताया की उल्टा पुलिस उन्हें ही परेशान कर रही है।
इस मामले में सीजेएम अजीत पाल सिंह ने बताया कि जो शिकायत मिली है, वह बहुत ही गंभीर है।मामले की जांच के लिए तुरंत चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को हिदायत दी गई है। एक सवाल के जवाब में सीजेएम ने कहा कि शिकायत मिलने के साथ ही पुलिस की ड्यूटी बनती थी कि फौरन एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की जाती। उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में नाबालिग को पुलिस थाने या दफ्तर नहीं बुलाया जा सकता है।
पीड़ित परिवार की तरफ से डीएसपी पर लगाए दोषों संबंधी जब भी DSP ( D ) दीप कमल से संपर्क करने की कोशिश की गई , तब उन्होंने कैमरे के आगे कुछ भी बोलने से मना कर दिया। मगर उन्होंने कैमरे के पीछे कहा कि लड़की की तरफ से पड़ताल के दौरान केस से संबंधित जरूरी दस्तावेज नहीं दिए गए, मगर अब लड़की की तरफ से थाना सदर पुलिस के पास बयान दर्ज करवाए हैं जिसके बाद थाना सदर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है ।
अब पुलिस ने 2 मार्च को जज के दखल देने के बाद दोबारा नाबालिग के बयानों के आधार पर 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें उसकी सौतेली मां कुलदीप कौर, मौसी मनप्रीत कौर, राजेंद्र कौर , स्वर्ण कौर , मौसा अवतार सिंह , सौतेली बहन गुरजीत कौर और मोहन लाल पर धारा 376 , 506 , 120 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और लड़की का मेडिकल करवाने के बाद अगली कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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