नई दिल्ली। भारत के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ी हुई है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक ओर भाजपा आम सहमति की बात कर विपक्षी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात कर रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष हर एक कदम फूंक-फूंक कर रख रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद से अब तक 16 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। माना जा रहा है कि ये सारे नामांकन खारिज हो जाएंगे, क्योंकि इनमें से किसी भी प्रत्याशी ने प्रस्तावक और अनुमोदकों के हस्ताक्षरयुक्त दस्तावेज नामांकन के साथ शामिल नहीं किए हैं। हालांकि इनमें से 7 प्रत्याशियों के नामांकन तो उसी वक्त खारिज कर दिए गए, जब उन्होंने दाखिल किए थे, क्योंकि इन्होंने मतदाता प्रमाणपत्र और जमानत राशि जमा नहीं कराई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो बुधवार, 14 जून को अधिसूचना जारी होते ही तमिलनाडु से पद्मराजन, मध्य प्रदेश के आनन्द कुशवाह, तेलंगाना के बालाराज, मुम्बई की सायरा बानो मोहम्मद, उनके पति मोहम्मद पटेल, पुणे के कोंडेकर विजय ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए। इसके बाद 15 जून को दिल्ली के जीवन मित्तल, 16 जून को कानपुर के विजय व सरस्वती शर्मा और शामली के संजय, अलवर के लालाराम, मैनपुरी के अशोक सिंह और दिल्ली के वीरपाल सिंह ने अपनी दावेदारी पेश की।
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